Bihar Airport: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में वाल्मीकि नगर एयरपोर्ट को विस्तार देने की प्रक्रिया अब ज़मीन पर उतरने लगी है. बगहा-2 अंचल प्रशासन ने हवाई अड्डे के पूर्वी हिस्से में 229 एकड़ अतिरिक्त भूमि चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. अंचलाधिकारी रवि प्रकाश चौधरी ने 30 जुलाई को संबंधित इलाके का भौतिक सर्वेक्षण कर संभावित जमीन की पहचान की.
एयरपोर्ट के लिए कुल 303 एकड़ ज़मीन की आवश्यकता है, जिसमें से 73 एकड़ पहले से उपलब्ध है. अब बाकी की 229 एकड़ ज़मीन को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही विमानन विभाग को भेजा जाएगा. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर चिन्हित भूमि सरकारी पड़ी होगी, तो उसे सीधे ट्रांसफर किया जाएगा, जबकि रैयती भूमि होने की स्थिति में अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
पश्चिमी हिस्से में बाधा, पूर्वी ज़मीन सर्वे के लिहाज से उपयुक्त
सर्वेक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि हवाई अड्डे के पश्चिमी भाग में जलभराव और भौगोलिक अवरोध हैं, जिससे वहाँ विस्तार संभव नहीं है. ऐसे में ज़ोर पूर्वी हिस्से के अधिग्रहण और उपयोग पर है. अधिकारियों का कहना है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार होते ही फाइनल प्रस्ताव विमानन विभाग को सौंपा जाएगा, जिसके बाद विस्तारीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
राजनीतिक स्तर पर भी तेज़ हुई प्रक्रिया, सांसद और विधायक सक्रिय
वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार और विधायक रिंकू सिंह इस परियोजना को लेकर लगातार राज्य और केंद्र सरकार के संपर्क में हैं. दोनों जनप्रतिनिधियों ने विमानन मंत्रालय से पत्राचार कर ज़मीन हस्तांतरण और परियोजना की गति बढ़ाने की मांग की है.
गौरतलब है कि इस एयरपोर्ट को उड़ान 5.2 योजना के तहत छोटे हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां से 19 सीटर विमानों का संचालन प्रस्तावित है, जो वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और धार्मिक स्थलों जैसे वाल्मीकि आश्रम की ओर पर्यटकों को सुगमता से पहुंचाएगा.
टूरिज्म और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया आधार
वाल्मीकि नगर क्षेत्र अपने प्राकृतिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण देशभर से पर्यटकों को आकर्षित करता है. एयरपोर्ट का संचालन शुरू होते ही टाइगर रिजर्व, गंडक बैराज, त्रिवेणी संगम और नेपाल बॉर्डर स्थित धार्मिक स्थलों तक आसान और तेज़ आवाजाही संभव होगी. इससे स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन आधारित व्यवसाय, होटल, ट्रांसपोर्ट और गाइड सेवा जैसी गतिविधियों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
बजट और एमओयू प्रक्रिया अंतिम चरण में
केंद्र सरकार पहले ही इस हवाई अड्डे को हरी झंडी दे चुकी है और 25 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जा चुकी है. साथ ही बिहार सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में इस परियोजना के लिए फंड निर्धारित किया है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के साथ इसको लेकर एमओयू तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा.
सीमावर्ती बिहार को मिलेगी उड़ान, विकास को पंख
वाल्मीकि नगर एयरपोर्ट का विस्तार सिर्फ एक बुनियादी ढांचे की परियोजना नहीं, बल्कि सीमावर्ती इलाके के लिए परिवर्तन का द्वार है. बेहतर हवाई संपर्क जहां पर्यटन को गति देगा, वहीं रोजगार और व्यापार के नए रास्ते भी खोलेगा. आने वाले वर्षों में यह हवाई अड्डा बिहार के उत्तर-पश्चिमी हिस्से को राष्ट्रीय पर्यटन नक्शे पर मजबूती से स्थापित कर सकता है.
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