Bihar Bhumi: बिहार में भूमि सेवा ऑनलाइन, लेकिन जनता अब भी परेशान! वजह जान मंत्री भी रह गए हैरान

Bihar Bhumi: डिजिटल वायदे और जमीनी हकीकत में फंसा बिहार का भूमि सुधार तंत्र सवालों के घेरे में है. ऑनलाइन प्रक्रिया के बावजूद जनता दफ्तरों के चक्कर काट रही है. मंत्री संजय सरावगी ने सख्त रुख अपनाते हुए सिस्टम की नाकामी पर अफसरों को फटकार लगाई.

By Anshuman Parashar | May 23, 2025 12:25 PM
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Bihar Bhumi: बिहार सरकार के भूमि सुधार और राजस्व विभाग ने जब अपने सभी प्रमुख कार्यों दाखिल-खारिज, जमाबंदी और परिमार्जन जैसी प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया, तब उम्मीद थी कि आम जनता को अब अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. लेकिन हकीकत इससे ठीक उलट है.

मंत्री ने बैठक में अफसरों से पूछा तीखा सवाल

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री संजय सरावगी ने अधिकारियों से सीधा सवाल किया “जब सारी सेवाएं डिजिटल हैं, तो लोग अब भी दफ्तर क्यों भटक रहे हैं?” उन्होंने इसे व्यवस्था की विफलता मानते हुए अफसरों को फटकार लगाई और कहा कि जनसुविधा में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

7000 मामलों में एक ही दिन में निष्पादन, मंत्री ने जताई गहरी नाराजगी

बैठक में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि करीब 7000 दाखिल-खारिज के मामलों में नोटिस जारी करना, सुनवाई और निष्पादन कर दिए गए. मंत्री ने इसे गंभीर अनियमितता बताते हुए इसकी जांच के आदेश दिए और स्पष्ट किया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. साथ ही उन्होंने ‘परिमार्जन प्लस’ सहित सभी लंबित मामलों की गहन समीक्षा का निर्देश दिया.

जमाबंदी लॉक और डीसीएलआर की जिम्मेदारी तय

मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिन मामलों में ज़मीन सरकारी नहीं है, उन्हें अनावश्यक रूप से लॉक न रखा जाए. DCLR और अंचल अधिकारियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी वैध मामलों का समय पर निष्पादन हो. राजस्व न्यायालयों को भी यह स्पष्ट आदेश दिया गया है कि यदि किसी केस को रिजेक्ट किया जाता है तो उसका कारण साफ-साफ दर्ज हो, ताकि अपीलकर्ता को निर्णय समझ में आ सके.

1 जून से शुरू होगा कॉल सेंटर, जनता कर सकेगी सीधे शिकायत

मंत्री सरावगी ने घोषणा की कि 1 जून से एक कॉल सेंटर शुरू किया जा रहा है, जिसके माध्यम से लोग अपनी शिकायतें सीधे दर्ज करा सकेंगे. इससे शिकायतें सीधे मंत्री तक पहुंच सकेंगी और अफसरों की जवाबदेही तय होगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल सेवा का मकसद यही है कि जनता को सिस्टम पर भरोसा हो, न कि उसे चक्कर काटने पड़ें.

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ई-गवर्नेंस के मोर्चे पर बिहार को मॉडल स्टेट बनाने की तैयारी

भूमि सुधार विभाग के इस एक्शन मोड को सरकार ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम मान रही है. अगर यह व्यवस्था सही ढंग से लागू हुई, तो बिहार डिजिटल पारदर्शिता के क्षेत्र में देश के लिए मिसाल बन सकता है.

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