पहले चिह्नित होगी कब्जे वाली जमीन
मिली जानकारी के अनुसार ऐसा कहा गया है कि ऐसे विभाग जिनके पास जमीन के अंतरण का दस्तावेज नहीं है, वह सबसे पहले अंचलाधिकारी के पास आवेदन देकर अपने कब्जे की जमीन की सरकारी अमीन से मापी करा लें. उससे पहले कब्जे वाली जमीन चिह्नित कर लें.
जमाबंदी की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश
वहीं, कब्जा प्रमाणित करने वाले उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इस किस्म की जमीन की जमाबंदी कायम करने की प्रक्रिया शुरू करने को भी कहा गया है. इसके बाद इन साक्ष्यों के साथ सरकारी भूमि दाखिल-खारिज पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें. साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे मामलों में संस्थान के प्रमुख को एक शपथ पत्र भी जमा करना होगा.
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शपथ पत्र से संबंधित जानकारी
बता दें कि शपथ पत्र में लिखा जाएगा कि संस्थान की पूर्ण जमीन की मापी करा ली गई है और संस्थान के किसी भी भूखंड पर अतिक्रमण नहीं है. यह भी लिखा जाएगा कि यह पत्र सरकारी जमीन के सत्यापन के लिए चल रहे अभियान का भाग है.
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