Bihar Budget: बिहार में जल्द लागू होगी नई हेल्थ पॉलिसी, सभी जिलों में बनेंगे मेडिकल कॉलेज

Bihar Budget: वित्तमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट प्रावधानों को बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा सभी जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की स्थापना की जा रही है. इसके तहत अभी राज्य के पांच जिलों जिसमें पूर्णिया, बेतिया, समस्तीपुर, मधेपुरा और सारण में राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा करते हुए जनता को समर्पित किया गया है.

By Ashish Jha | March 4, 2025 6:30 AM
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Bihar Budget: पटना. वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए बताया कि बिहार में जल्द ही नई हेल्थ पॉलिसी लागू होगी. उन्होंने कहा, “हम ‘बिहार फार्मास्युटिकल प्रमोशन पॉलिसी, 2025’ लागू करने जा रहे हैं. यह फैसला बिहार को एक प्रमुख फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केन्द्र के रूप में बढ़ावा देने के इरादे से लिया गया है. फार्मास्युटिकल क्षेत्रों द्वारा पर्यावरण-अनुकूल विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भी यह नीति लागू की जाएगी. नई पॉलिसी से चिकित्सा के क्षेत्र में और भी कई लाभ मिलेंगे.” उन्होंने का कि बिहार के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के नये सत्र से हिंदी में पढ़ाई की शुरुआत की गयी है.

पांच जिलों मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार

वित्तमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट प्रावधानों को बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा सभी जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की स्थापना की जा रही है. इसके तहत अभी राज्य के पांच जिलों जिसमें पूर्णिया, बेतिया, समस्तीपुर, मधेपुरा और सारण में राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा करते हुए जनता को समर्पित किया गया है. उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल को विश्वस्तरीय अस्पताल के रूप में विकसित करने और 250 नामांकन क्षमता के साथ 5462 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. आइजीआइएमएस, पटना में 284 करोड़ की लागत से 500 बेड का अतिरिक्त नये भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. डेंटल चिकित्सा शिक्षा के तहत राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, रहुई (नालंदा) का निर्माण कराया गया है. इस डेंटल कॉलेज में 100 बेड का अस्पताल काम करने लगा है. डीएमसीएच को कुल 250 एमबीबीएस सीट पर नामांकन और 2500 बेड के अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है.

शिशु मृत्युदर में 56 प्रतिशत की कमी

वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2005-6 से वर्ष 2023-24 तक स्वास्थ्य पर राज्य सरकार का खर्च 13 गुणा बढ़ गया है. वर्ष 2006-10 और वर्ष 2016-20 के सरकार के विकास कार्यों से जन्म के समय जीवन प्रत्याशी 3.7 वर्ष और बालिकाओं के लिए तीन वर्ष की वृद्धि हो गयी है. संस्थागत प्रसव भी 19.9 प्रतिशत से बढ़कर अब 76.2 प्रतिशत हो गयी है. इस अवधि में मातृ मृत्युदर में 62 प्रतिशत और शिशु मृत्युदर में 56 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. राज्य सरकार द्वारा एम्स, दरभंगा के निर्माण के लिए 187.44 एकड़ भूमि हस्तांतरित कर चुकी है. प्रधानमंत्री द्वारा एम्स दरभंगा का शिलान्यास भी किया जा चुका है.

बिहार में 22 मातृ एवं शिशु अस्पतालों का होगा निर्माण

राज्य के हर विधानसभा में एक-एक नये अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की दिशा में 199 के लिए 258.70 करोड़ राशि जारी की गयी है. इनमें से 129 एपीएचसी का निर्माण पूरा हो चुका है. सरकार द्वारा राज्य में 434 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी है जिसमें 354 सीएचसी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके अलावा 47 अन्य सीएचसी के निर्माण की स्वीकृति इस वित्तीय वर्ष में दी गयी है. राज्य के 19 अनुमंडलों में अनुमंडलीय अस्पतालों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी जिसमें 13 अनुमंडलों में अस्पतालों का निर्माण पूरा हो चुका है. राज्य के 25 जिला अस्पतालों को मॉडल अस्पताल के रूप में उन्नयन करने की स्वीकृति दी गयी थी जिनमें 13 जिला अस्पतालों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. राज्य में 22 मातृ एवं शिशु अस्पतालों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी जिसमें 18 जिलों में अस्पतालों का निर्माण पूरा कर लिया गया है.

ऑनलाइन सुरक्षित रखे जा रहे हैं मरीजों के सभी रिकार्ड

वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत मरीजों की सभी जानकारी ऑनलाइन सुरक्षित रखे जाने का प्रयास किया जा रहा है. बिहार देश का पहला राज्य है जहां पर इस तरह की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. इसके कारण राज्य को अक्टूबर 2024 को मुंबई में आयोजित ग्लोबल डिजिटल हेल्थ समिट 2024 में इनोवेशन का अवार्ड भी प्राप्त हुआ है. इसके अलावा राज्य में प्रति माह करीब 15 लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकार्ड बन रहा है. डिजिटल ओपीडी रजिस्ट्रेशन, मुफ्त दवा वितरण सहित मासिक इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकार्ड में बिहार ने देश में कीर्तिमान रचा है. इसके अलावा मुफ्त दवा नीति के तहत दवा आपूर्ति एवं वितरण में बिहार 15 सितंबर 2024 से पहले स्थान पर बना हुआ है.

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