दरवाजे पर बैठी थी मृतका
मृतका के भाई नागेंद्र कुमार ने बताया कि 22 मई को उनके बड़े भाई नरेश राम का निधन हुआ था. इसी वजह से सरोजा देवी अपने मायके आई हुई थीं. मंगलवार की शाम विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों ने समर्थकों को बुला लिया. रात 8 बजे अचानक फायरिंग शुरू हो गई. गांव में अफरा-तफरी मच गई. सरोजा देवी दरवाजे पर बैठी थीं, कुछ समझ पातीं, इससे पहले ही गोली उनके सीने में लग गई और आरपार हो गई. उन्हें तुरंत अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां से पीएमसीएच रेफर किया गया. लेकिन, रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.
कई महीनों से चल रहा था संपत्ति विवाद
ग्रामीणों ने बताया कि विनोद महतो और मदन महतो के बीच संपत्ति को लेकर कई महीनों से विवाद चल रहा था. मंगलवार को दोनों पक्षों में तनाव इतना बढ़ गया कि गोली चलने लगी. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. निर्दोष सरोजा देवी इस विवाद की भेंट चढ़ गईं.
जांच में जुटी पुलिस
हिलसा थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि मृतका के बेटे ने FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है. शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. गांव में नरेश राम के निधन के बाद से ही माहौल गमगीन था. अब बहन की मौत से कोहराम मच गया है. ग्रामीण पीड़ित परिवार को सांत्वना देने में लगे हैं.
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