घटनास्थल पर देरी से पहुंचने की बात मानी
दरअसल, डीजीपी विनय कुमार की ओर से कहा गया कि, गोपाल खेमका की हत्या के बाद 40-45 मिनट तक पुलिस को सूचना ही नहीं मिली थी. डीजीपी ने यह भी बताया कि, पटना पुलिस और एसटीएफ की टीम एकजुट होकर मामले के अनुसंधान में जुटी है. जल्द ही घटना का उद्भेदन कर लिया जाएगा. इस दौरान डीजीपी ने घटनास्थल पर देर से पहुंचने की बात मानी. लेकिन, उन्होंने यह भी बताया कि, डायल 112 या थाना को 40-45 मिनट तक घटना की सूचना नहीं मिली थी. लेकिन, सूचना मिलने के बाद विलंब नहीं हुआ. हालांकि, इस मामले में जांच की जा रही है.
पुलिस की लापरवाही वाले आरोप पर दिया जवाब
डीजीपी विनय कुमार ने आगे बताया कि, शुक्रवार रात करीब 11:40 बजे गोली चलने के बाद परिवार के सदस्य कंकड़बाग इलाके के निजी अस्पताल चले गए थे, जिसमें 30-35 मिनट लग गए. तो वहीं, अस्पताल के अधिकारियों ने ही पहले कंकड़बाग थाने को घटना को लेकर सूचित कर दिया था. जिसके बाद रात 12:30 बजे के आस-पास पुलिस को हत्या की जानकारी मिली और सूचना मिलने के करीब 10 मिनट के बाद ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी. लेकिन, फिर भी पूरी घटना की जांच की जा रही है. अगर इसमें लापरवाही की बात सामने आएगी, तो फिर एक्शन लिया जाएगा.
12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ
इस दौरान डीजीपी की ओर से एक-एक पहलु पर गहनता से जांच किए जाने की बात कही गई. बता दें कि, इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत में लिया है और पुलिस का दावा है कि यह गिरफ्तारी जेल में छापेमारी के दौरान जो मोबाइल फोन जब्त हुए थे, उनसे मिले सबूतों के आधार पर की गई है. डीजीपी ने कहा कि, संदेह के आधार पर अभी 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इन लोगों से मामले से संबंधित तमाम जानकारियां इकट्ठा की जा रही है. साथ ही तमाम तकनीकी अनुसंधान पर भी कार्रवाई जारी है. पुलिस तमाम पहलुओं पर जांच कर रही है. डीजीपी ने कहा कि उम्मीद है कि, जल्द ही पुलिस हत्यारे को पकड़ने में सफल होगी.
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