बिहार में मासूमों की जान ले रहे आवारा कुत्ते, पटना समेत अन्य जिलों में सैकड़ों लोगों को रोज बना रहे शिकार

बिहार में 500 से अधिक लोग रोज आवारा कुत्ते का शिकार बनते हैं. समस्तीपुर में दो सगे भाइयों पर आवारा कुत्ते टूट पड़े. एक मासूम को मौत के घाट उतार दिया. पहले भी एक बच्ची को कुत्तों ने मार डाला था.

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 20, 2025 9:05 AM
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बिहार में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ा हुआ है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि बिहार में 500 से अधिक लोग रोजाना कुत्तों के काटने का शिकार बन रहे हैं. कुत्तों के काटने से मौत के मामले भी सामने आए हैं. बच्चों के ऊपर ये हमले जानलेवा साबित होते हैं. समस्तीपुर की घटना ताजा है. जहां स्कूल जा रहे दो मासूमों पर रास्ते में कुत्तों ने हमला बोल दिया. दोनों सगे भाई थे. एक जख्मी बच्चे ने दम तोड़ दिया.

रोज 500 से अधिक लोगों को शिकार बना रहे कुत्ते

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि बिहार में रोज 568 लोग कुत्तों के काटने का शिकार बन रहे हैं. जब समस्तीपुर में दो सगे भाइयों पर हमले और इनमें एक मासूम की मौत का मामला शुक्रवार को सामने आया तो इस समस्या की गंभीरता को लेकर अब सवाल उठना लाजमी है.

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समस्तीपुर में मासूम छात्र की मौत, सगा भाई गंभीर रूप से जख्मी

दरअसल, शुक्रवार को समस्तीपुर के विभूतिपुर में दो सगे भाई स्कूल जा रहे थे. अचानक रास्ते में अवारा कुत्तों के झुंड ने दोनों भाइयों पर हमला बोल दिया. दोनों को जगह-जगह काटकर कुत्तों ने जख्मी कर दिया. जब लोगों ने शोर सुना तो दौड़कर आए. कुत्तों को भगाया गया. इसके बाद परिजनों ने इलाज के लिए इन बच्चों को सीएससी पहुंचाया. जहां से बेहतर इलाज के लिए बच्चों को समस्तीपुर सदर अस्पताल भेजा गया.

गर्दन पर काटकर मौत के घाट उतारा

इनमें एक बच्चे अभिषेक के गर्दन पर जख्म गहरा था. उसे दरभंगा रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. वह दूसरी कक्षा का छात्र था.

बच्ची समेत आधे दर्जन लोगों की भी हो चुकी है मौत

बिहार में कुत्तों के हमले से जान पहले भी जा चुकी है. भरपुरा के वार्ड नंबर 13 निवासी रश्मि को आवारा कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला था. वहीं करीब आधा दर्जन लोगों की मौत इससे पहले भी कुत्तों के हमले में हो चुकी है. बाजिदपुर, बम्बइया, बेलसंडी, तारा और भरपुरा पंचायत में आवारा कुत्तों के भय से अभी लोग दहशत में रहते हैं और शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलते हैं.

पटना के राजीवनगर में आवारा कुत्तों का आतंक

राजधानी पटना में भी आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान रहते हैं. राजीवनगर इलाके में सुबह-सुबह इन कुत्तों का आतंक अधिक दिखता है. लोग सुबह टहलने के लिए भी बेहद सतर्क होकर निकलते हैं. बीच सड़क पर जगह-जगह पर दर्जन भर कुत्तों का झुंड आतंक मचाता रहता है और लोग किसी तरह वहां से गुजरते हैं. ऐसे और भी कई इलाके हैं.

पटना में हजारों लोगों को शिकार बना चुके आवारा कुत्ते

पटना में भी आवारा कुत्तों का आतंक रहता है. जिला टीकाकरण पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-22 में 97 हजार 700 एंटी रेबिज वैक्सीन की खपत पटना जिले में हुई थी. 2022-23 में इसकी संख्या बढ़कर एक लाख 17 हजार 707 हो गई. जबकि 2023-24 में (मार्च तक) यह संख्या बढ़कर एक लाख 93 हजार 610 तक पहुंची. कुत्ता के द्वारा काटने के मामले में एक जख्मी को तीन से पांच वैक्सीन का डोज पड़ता है. इस हिसाब से पटना में हर साल करीब 45 से 50 हजार लोगों को कुत्ते अपना शिकार बनाते हैं.

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