7 लाख मतदाताओं के दोहराए गए हैं नाम
आयोग के मुताबिक, 21.6 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं जबकि 31.5 लाख मतदाता स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं. इसके अलावा 7 लाख मतदाताओं के नाम दोहराए गए हैं, यानी वे एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं. इन सभी को मिलाकर 60 लाख से ज्यादा नाम सूची से हटाए जाने तय हैं, जो आंकड़ा आगे और बढ़ सकता है.
1 लाख वोटरों से नहीं हो सका संपर्क
फील्ड में तैनात बीएलओ और बीएलए राज्य भर में 1 लाख से अधिक मतदाताओं से संपर्क स्थापित नहीं कर पाए. ये वे मतदाता हैं जो अपने पते पर नहीं मिले और जिनसे संपर्क के सभी प्रयास विफल रहे. हालांकि, आयोग ने फिलहाल स्पष्ट नहीं किया है कि इनका नाम लिस्ट से हटाया जाएगा या नहीं.
7 लाख फॉर्म अभी भी लंबित
आयोग ने जानकारी दी है कि अब तक 7.21 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म जमा हो चुके हैं, जो कुल मतदाताओं का 91.23% है. सभी फॉर्म को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड भी कर दिया गया है. शेष 7 लाख मतदाताओं के फॉर्म अब तक नहीं आए हैं, जिनके लिए शनिवार तक का समय दिया गया है.
दो दिन में पूरा होगा पहला चरण
SIR अभियान का पहला चरण समाप्त होने में अब सिर्फ दो दिन शेष हैं. इसके बाद 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी, जिसमें संशोधन और आपत्तियों का दौर शुरू होगा.
सभी मतदाताओं को नाम जुड़वाने का मिलेगा अवसर
चुनाव आयोग की इस कार्रवाई से मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और अद्यतन बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस बीच बड़ी संख्या में नाम कटने को लेकर कई राजनीतिक दलों और संगठनों में असंतोष भी दिखाई दे रहा है. हालांकि आयोग ने भरोसा दिलाया है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक छूटे हुए सभी पात्र मतदाताओं को नाम जुड़वाने का पूरा अवसर मिलेगा.
Also Read: CM नीतीश को बार-बार खींच लाती है बिहार की ये खूबसूरत जगह, जानिए उनकी खास पसंद की वजह…