पहले इस तरह की थी व्यवस्था
वहीं, अब तक की बात करें तो, मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी पर अनौपचारिक मतदाता पहचान पर्चियां बांटने के लिए बूथ स्थापित करने की इजाजत थी. निर्वाचन आयोग की माने तो, इसी साल बिहार में ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, तो ऐसे में सबसे पहले बिहार में ही ये सुधार किए जायेंगे. चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल फोन के बढ़ते यूज और वोटिंग के दिन न केवल मतदाताओं, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मोबाइल फोन जमा करने की व्यवस्था कराने का फैसला लिया गया है.
मोबाइल फोन रहेंगे स्विच ऑफ
इधर, आयोग द्वारा बताया गया कि, ‘मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे तक ही मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होगी. हालांकि, इस दौरान सभी के मोबाइल फोन बंद रहेंगे. प्रवेश द्वार के पास फोन रखने के लिए साधारण ‘पिजनहोल बॉक्स’ या ‘जूट बैग’ दिए जायेंगे. कोई भी बूथ के अंदर फोन नहीं ले जा सकेंगे. हालांकि, कहा गया कि, मतदान अधिकारी प्रतिकूल स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर कुछ मतदान केंद्रों को इस प्रावधान से छूट दे सकते हैं. आयोग ने स्पष्ट किया कि, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 49एम का सख्ती से पालन जारी रहेगा. ये नियम मतदान केंद्र के भीतर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करता है.
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