प्रशासन ने निर्माण कराया था बैग चैनल बांध
प्रशासन ने पहले ही कटाव रोकने के लिए 440 मीटर जियो बैग चैनल बांध का निर्माण कराया था, लेकिन गंडक में जलस्तर बढ़ते ही यह बांध कई जगहों पर धंसने लगा है. इससे ग्रामीणों का डर और बढ़ गया है. गांव के लोग अब सुरक्षित ऊंचे स्थानों की ओर पलायन की तैयारी में जुट गए हैं.
बरसात का मौसम शुरू होते ही गांव में टिकना मुश्किल
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात का मौसम शुरू होते ही गांव में टिकना मुश्किल हो जाता है. बाढ़ के पानी से बचने के लिए लोगों के पास नाव ही एकमात्र सहारा है. पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ आश्रय स्थल भवन तो बना दिया है, लेकिन छह हजार की आबादी के लिए वह नाकाफी है.
बारिश शुरू होने से पहले ही कटाव तेज
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस साल बारिश शुरू होने से पहले ही कटाव तेज हो गया है. गांव के लोग पहले से ही खाद्यान्न, कपड़े और अन्य जरूरी सामान ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं ताकि बाढ़ में नुकसान कम हो.
पिछले साल बाढ़ में बह गया था सबकुछ
ग्रामीण याद करते हैं कि पिछले साल अचानक आई बाढ़ में सबकुछ बह गया था. जान बचाने के लिए लोग मवेशियों और बच्चों को लेकर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो गए थे. धान, गेहूं, चावल, कपड़े, बिछावन और फर्नीचर तक पानी में समा गया. इस बार भी गंडक का उफान और कमजोर बांधों ने दियारा क्षेत्र के लोगों को फिर बड़ी त्रासदी का संदेश दे दिया है. स्थानीय लोग प्रशासन से त्वरित राहत और पुख्ता बांध निर्माण की मांग कर रहे हैं.
(सतीश कुमार की रिपोर्ट)
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