Bihar Flood Alert: गंगा से कोसी तक, नदियों पर 42 स्थानों के लिए 72 घंटे पहले मिलेगा बाढ़ अलर्ट

Bihar Flood Alert: बिहार में संभावित बाढ़ और कटाव से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं. संवेदनशील तटबंधों पर एसी बैग का स्टॉक, 24 घंटे निगरानी व्यवस्था, तटबंध एम्बुलेंस की तैनाती और नेपाल से समन्वय के साथ विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है.

By Paritosh Shahi | July 3, 2025 4:28 PM
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Bihar Flood Alert: बिहार में संभावित बाढ़ और भारी बारिश से आने वाली आपदा को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने राज्य भर में व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं. विभाग के इंजिनियर और प्रशासनिक अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील तटबंधों पर निरंतर निगरानी की जा रही है. विशेष रूप से गंडक नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में एसी बैग और अन्य कटावरोधी सामग्रियों का भंडारण किया गया है.

एग्जिक्यूटिव इंजिनियर नेमीशरण ने जानकारी दी कि शहरी क्षेत्र के मंगलपुर से लेकर पुअर हाउस और ग्रामीण इलाकों के रजवटिया, अगस्तिया, बथवरिया आदि 21 तटबंधों पर एसी बैग का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया गया है. सभी अभियंताओं को आदेश है कि वे 24 घंटे तटबंधों की मॉनिटरिंग करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें.

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नियंत्रण कक्षों की स्थापना

बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने इस वर्ष पहले से ही कार्रवाई शुरू कर दी थी. राज्य की प्रमुख नदियों जैसे गंगा, कोशी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, और महानंदा के किनारे स्थित कुल 394 स्थानों पर कुल 1310.09 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधक कार्य पूरा कर लिया गया है. इन स्थलों की लगातार निगरानी के लिए 1 जून से 31 अक्टूबर तक केंद्रीय और क्षेत्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है.

इसके साथ ही बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए पटना स्थित बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र ने भी कार्य करना शुरू कर दिया है, जिससे गंगा नदी के बक्सर से कहलगांव तक सात स्थानों समेत कुल 42 स्थलों पर 72 घंटे पहले बाढ़ की पूर्व सूचना मिल सकेगी.

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तटबंध एम्बुलेंस तैनात

जल संसाधन विभाग ने बाढ़ की स्थिति में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए खतरनाक तटबंधों पर ‘तटबंध एम्बुलेंस’ तैनात की हैं. ये विशेष टीमें ट्रैक्टरों पर पोर्टेबल जेनरेटर, हैलोजन लाइट, ईसी बैग, जिओ बैग, फिल्टर मटेरियल और कम से कम 10 मजदूरों के साथ तैयार रहती हैं.

पूरे राज्य में फैले 3808 किलोमीटर लंबे तटबंध की सुरक्षा के लिए प्रति किलोमीटर एक तटबंध श्रमिक की तैनाती की गई है. इन श्रमिकों और अधिकारियों के लिए अस्थाई आवास, शौचालय और पेयजल की भी व्यवस्था की गई है, ताकि वे लगातार अपनी ड्यूटी निभा सकें.

बाढ़ के दौरान किसी भी आकस्मिक स्थिति में बेहतर तकनीकी सहायता देने के लिए अनुभवी और सेवानिवृत्त अभियंताओं की अध्यक्षता में 11 विशेष ‘बाढ़ सुरक्षा बलों’ का गठन किया गया है. इसके अलावा नदियों पर बने बैराजों से जल के बहाव की नियमित निगरानी की जा रही है. अगर जल स्तर में अचानक वृद्धि होती है तो संबंधित जिलों के पदाधिकारियों को तत्काल सूचना दी जाती है, जिससे त्वरित कार्रवाई की जा सके.

नेपाल से लिया जा रहा पल-पल का अपडेट

बिहार सरकार नेपाल से समन्वय बनाकर भी बाढ़ नियंत्रण के प्रयासों को कारगर बना रही है. कोशी बराज सहित नेपाल की सीमा से लगे तटबंधों की मरम्मत और सुरक्षा का कार्य समय पर पूरा किया गया है. नेपाल के जल एवं मौसम विभाग से उत्तर बिहार के विभिन्न नदी बेसिनों में वर्षा की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए विभागीय संपर्क अधिकारी काठमांडू स्थित कार्यालय से सतत संवाद बनाए हुए हैं. इस समन्वय से संभावित बाढ़ की जानकारी पूर्व में मिल रही है, जिससे तैयारियों में तेजी लाई जा रही है.

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टॉल फ्री नंबर जारी

बाढ़ के समय किसी भी आपात स्थिति में सहायता पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम करने वाला कॉल सेंटर 1 जून से चालू कर दिया गया है. नागरिक 1800 345 6145 टॉल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. साथ ही 0612-2206669, 2215850 व मोबाइल नंबर 7463889706, 7463889707 भी कार्यरत हैं.

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट कहा है कि तटबंधों की निगरानी में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए और हर संवेदनशील स्थल तक अधिकारियों की पहुंच सुनिश्चित की गई है. बाढ़ से निपटने की यह तैयारियां राज्य की जनता को सुरक्षित रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.

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