दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी
मंत्री विजय चौधरी ने कड़े शब्दों में कहा कि जांच में यह पाया गया है कि विभागीय निर्देशों के बावजूद संबंधित अभियंताओं ने तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई. यह सीधे तौर पर लापरवाही और घोर अनुशासनहीनता है. उन्होंने यह भी बताया कि अन्य वरीय पदाधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी. जल संसाधन मंत्री ने बताया कि निरंजना (फलगू), मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी और पंचाने नदियों में जलस्तर एक साथ बढ़ना एक असाधारण परिस्थिति है. नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखंड के केशोपुर गांव में लोकाईन नदी के किनारे स्थित बांध पूरी तरह टूट गया, जिससे आसपास के इलाकों में पानी तेजी से फैल गया. इसके अलावा भूतही, धोवा और महात्माइन नदियों पर बने तटबंध भी प्रभावित हुए हैं, जिससे नालंदा, जहानाबाद और पटना जिलों के सीमावर्ती इलाकों में खतरे की स्थिति बनी हुई है.
तटबंधों को सुदृढ़ करने का चल रहा प्रयास
अधिकारियों ने बताया कि 19 जून की शाम उदेरास्थान बैराज से 73,067 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा, जो कि पिछले वर्ष के अधिकतम जलस्राव (68,268 क्यूसेक) से लगभग 4,439 क्यूसेक अधिक है. इसके कारण बंधुगंज काजवे गेज स्टेशन पर 62.15 मीटर का रिकॉर्ड स्तर दर्ज किया गया. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल और अभियंता प्रमुख शरद कुमार ने बताया कि तटबंधों की तत्काल मरम्मत के लिए आपातकालीन राशि जारी कर दी गई है. पटना से अतिरिक्त अभियंताओं और तकनीकी विशेषज्ञों की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है. रात-दिन काम करके तटबंधों को सुदृढ़ करने का प्रयास हो रहा है.
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