Bihar Flood: बिहार को अब बाढ़ से मिलेगी राहत, गंगा-कोसी समेत सभी नदियों के लिए बनेगी गाद प्रबंधन नीति

Bihar Flood: बिहार को हर साल बाढ़ की मार से बचाने के लिए अब गाद प्रबंधन पर सरकार नीति बनाने जा रही है. रांची में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में इस पर सहमति बनी. बैठक में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि गंगा और कोसी जैसी नदियों की गाद ही हर साल बाढ़ की बड़ी वजह बनती है.

By Abhinandan Pandey | July 11, 2025 12:31 PM
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Bihar Flood: बिहार को हर साल मॉनसून के दौरान आने वाली बाढ़ से राहत दिलाने के लिए अब नीति स्तर पर ठोस पहल शुरू हो गई है. गंगा, कोसी समेत प्रमुख नदियों में जमा होने वाली गाद को लेकर अब एक सुव्यवस्थित गाद प्रबंधन नीति तैयार की जाएगी. यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में लिया गया. बैठक में बिहार सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भाग लिया.

गाद के कारण हर साल डूबता है बिहार

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बैठक में कहा कि गंगा और कोसी जैसी नदियों में जलग्रहण क्षेत्र से आने वाली भारी मात्रा में गाद हर साल बिहार में बाढ़ का बड़ा कारण बनती है. यही गाद नदियों की गहराई कम कर देती है और जलधाराएं अपना रास्ता बदलकर खेतों-घरों को डुबाने लगती हैं. इस गंभीर समस्या को सुलझाने के लिए अब केंद्र और राज्य मिलकर गाद प्रबंधन की व्यापक नीति बनाएंगे.

सोन नदी जल बंटवारे पर बनी ऐतिहासिक सहमति

बैठक में एक और लंबे समय से लंबित मुद्दे का समाधान भी हुआ. इंद्रपुरी जलाशय के तहत सोन नदी के जल बंटवारे को लेकर बिहार और झारखंड के बीच समझौता हुआ है. तय किया गया है कि बिहार को 5.75 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) और झारखंड को 2.00 एमएएफ पानी मिलेगा.

फरक्का बराज और सीमा क्षेत्रों पर भी चर्चा

सम्राट चौधरी ने गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए फरक्का बराज के प्रभाव की समीक्षा और कटाव रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सीमा पर होने वाले खर्च को केंद्र से शत-प्रतिशत वहन करने की मांग की. उन्होंने नेपाल और अन्य राज्यों से आने वाली नदियों के जल प्रबंधन पर एक समन्वित नीति की आवश्यकता भी जताई.

सीमावर्ती इलाकों के विकास पर फोकस

बैठक में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास, राज्यों के आपसी समन्वय और दीर्घकालिक समस्याओं के स्थायी समाधान जैसे अहम विषयों पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ. सम्राट चौधरी ने कहा कि केंद्र और राज्यों के साझा प्रयासों से अब वर्षों पुरानी समस्याएं सुलझ रही हैं और पूर्वी भारत के विकास को नई रफ्तार मिल रही है.

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