बिहार: सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र भी अब बोलेंगे विदेशी भाषा, पढ़िए सरकार का क्या है प्लान

बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘सात निश्चय – 1’ के 'आर्थिक हल युवाओं के बल के’ तहत युवाओं को वैश्विक स्तर पर तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.

By RajeshKumar Ojha | May 13, 2025 6:50 PM
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बिहार के 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र अब जर्मन और फ्रेंच भाषा भी सीखेंगे। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘सात निश्चय – 1’ के ‘आर्थिक हल युवाओं के बल के तहत सभी जिलों के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में विदेशी भाषा सीखने के महत्व पर बल दिया गया है.

छात्र सीखेंगे जर्मन और फ्रेंच

बिहार सरकार के विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग (डीएसटीटीई) ने प्रदेश के 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेंच और जर्मन भाषा सिखाने की नई पहल की है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. यह आयोजन मुख्य सचिव के बैठक कक्ष में संपन्न हुआ.

उद्घाटन कार्यक्रम में डीएसटीटीई की सचिव डॉ. प्रतिमा, अपर सचिव-सह-निदेशक अहमद महमूद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान डॉ. प्रतिमा ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें इस परियोजना के उद्देश्य, क्रियान्वयन और भविष्य की योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई. इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल कार्यान्वयन के बाद इसे जल्द ही बिहार के सभी 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में लागू किया जाएगा.

मुख्य सचिव ने की पहल की सराहना

इस मौके पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘सात निश्चय – 1’ के ‘आर्थिक हल युवाओं के बल के’ तहत युवाओं को वैश्विक स्तर पर तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग छात्रों को विदेशी भाषाओं जैसे फ्रेंच, जर्मन और जापानी का ज्ञान मिलने से उनके लिए अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के दरवाजे खुलेंगे. साथ ही वैश्विक स्तर पर अवसरों का विस्तार होगा, अंतर्राष्ट्रीय संवाद बढ़ेगा और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने सुझाव दिया कि ग्लोबल बाजार की मांग को देखते हुए भविष्य में जापानी भाषा प्रशिक्षण भी शुरू किया जाना चाहिए.

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी कर छात्र-छात्राओं के लिए “स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम” जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत जल्द से जल्द की जाए ताकि उन्हें वैश्विक अनुभव प्राप्त हो सके.

मुख्य सचिव ने विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की जमकर प्रशंसा की और कहा कि पिछले 10 वर्षों में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयास शानदार रहे. उन्होंने विभागीय सचिव डॉ. प्रतिमा और उनकी टीम को शुभकामनाएं भी दी.

कई छात्रों ने फ्रेंच और जर्मन भाषा में किया संवाद

इस ऑनलाइन उद्घाटन कार्यक्रम में राज्य के सभी 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य, शिक्षक और छात्र-छात्राएं अपने-अपने आधुनिक भाषा प्रयोगशालाओं से जुड़े. कई छात्रों ने फ्रेंच और जर्मन भाषाओं में संवाद कर अपनी प्रतिभा और इस पहल की सफलता का प्रदर्शन किया.

38 इंजीनियरिंग कॉलेज में जल्द होगा लागू

इस पहल को सभी भागीदारों की ओर से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. इससे यह स्पष्ट हुआ कि छात्र अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए और अधिक सक्षम बन रहे हैं. विभाग का लक्ष्य है कि इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे राज्य के सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू किया जाएगा.

तकनीकी शिक्षा विभाग भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके और वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बन सकें.

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