Bihar GST Collection: बिहार ने मई 2025 में 1871 करोड़ रुपये का GST संग्रह कर वित्तीय प्रबंधन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यह आंकड़ा पिछले साल मई 2024 में हुए 1521 करोड़ के संग्रह की तुलना में 23 फीसदी ज्यादा है. वहीं, इसी अवधि में पूरे देश का औसत जीएसटी संग्रह सिर्फ 16 फीसदी बढ़ा है, जिससे यह साफ होता है कि बिहार ने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है.
पड़ोसी राज्यों से राजस्व में अभी भी पीछे
हालांकि प्रतिशत के लिहाज से बिहार का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, लेकिन झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्य अब भी राजस्व के आंकड़ों में आगे हैं. झारखंड को मई 2025 में 2907 करोड़, पश्चिम बंगाल को 6321 करोड़, और उत्तर प्रदेश को 9130 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है. इन राज्यों के मुकाबले बिहार की कुल राशि कम है, लेकिन वृद्धि दर के मामले में बिहार आगे रहा.
अब तक सिर्फ 6.5 लाख व्यापारी ही GST में रजिस्टर्ड
राज्य में अभी महज 6.5 लाख व्यापारी ही जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, जबकि जीएसटी के नियमों के अनुसार 20 लाख सालाना कारोबार से कम वालों को छूट दी गई है. फिर भी, 2.89 लाख रिटर्न्स केंद्रीय सर्वर पर और 3.63 लाख राज्य सर्वर पर दाखिल किए गए, जो एक मजबूत सहभागिता को दर्शाता है.
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सालाना आंकड़ों में भी दिख रहा सुधार
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 29,359.76 करोड़ रुपये का कुल जीएसटी संग्रह हुआ है, जो पिछले वर्ष 2023-24 में हुए 27,622 करोड़ के संग्रह की तुलना में छह फीसदी ज्यादा है. इससे यह स्पष्ट है कि बिहार की राजस्व प्रणाली में लगातार सुधार हो रहा है.