
पटना. पूंजीगत निवेश योजना के तहत बिहार को मिले सहायता अनुदान राशि का बिहार ने पूरा हिसाब अभी केंद्र को नहीं दिया है. इस मद में मिली राशि के एक चौथाई हिस्से का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) अभी तक सौंपा गया है. इसको लेकर केंद्र ने राज्य को पत्र लिखकर यूसी देने का अनुरोध किया है.यह यूसी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग को भेजनी होती है.जनवरी अंत तक इस मद बिहार को पूंजीगत निवेश के लिए केंद्र से 11521.87 करोड़ मिले थे, लेकिन अब तक मात्र राज्य सरकार ने 2979 करोड़ का ही यूसी केंद्र सरकार को दिया है.यह अनुदान और इसका हिसाब-किताब वित्तीय वर्ष 2024-25 से संबंधित है. पूंजीगत निवेश मद में बिहार का हिस्सा 12907 करोड़ : केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी राज्यों में पूंजीगत निवेश के लिए कुल 1.50 लाख करोड़ के सहायता अनुदान की घोषणा की थी.इसमें टाइडन और इनटाइड के रूप में इस राशि को बांटी गयी थी.टाइड फंड की राशि से राज्य में विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्रों के विकास, भूमि सुधार, औद्योगिक विकास, महिला छात्रावास, शहरी नियोजन सुधार और पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग सेंटर के लिए इन्सेंटिव आदि में खर्च करने का निर्देश दिया गया है.यह राशि निर्धारित मद के अलावा दूसरे कार्यों में व्यय नहीं होगी. वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी अंत तक सभी राज्यों को पूंजीगत अनुदान के लिए 122180.40 करोड़ स्वीकृत किए जा चुके थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है