Bihar Diwas 2025: बिहार, जो कभी सिर्फ राजनीति और प्रवासी मज़दूरों के लिए चर्चा में रहता था. आज शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में नया आयाम गढ़ रहा है. यहां के युवा न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं. UPSC, IIT, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार के छात्रों की सफलता यह साबित करती है कि यह राज्य प्रतिभा का केंद्र है.
UPSC में बिहार की धाक: गरीमा लोहिया की कहानी
बिहार के छात्र UPSC में लगातार अपनी छाप छोड़ते आ रहे हैं और IAS गरीमा लोहिया इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. बिहार के बक्सर की रहने वाली गरीमा लोहिया ने UPSC 2022 में AIR 2 हासिल कर पूरे देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उन्होंने बिना किसी महंगे कोचिंग संस्थान में गए स्वयं अध्ययन के बल पर यह सफलता पाई. पिता के असमय निधन के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई को ही अपनी ताकत बना लिया. आज गरीमा हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं.
NEET में बिहार की चमक: माजिन मंसूर की अविश्वसनीय उपलब्धि
अगर कोई कहे कि बिहार के छात्र सिर्फ प्रशासनिक सेवाओं में आगे हैं तो माजिन मंसूर का नाम उस धारणा को तोड़ने के लिए काफी है. दरभंगा, बिहार के माजिन मंसूर ने NEET 2024 में प्रथम रैंक (AIR 1) हासिल कर इतिहास रच दिया. उन्होंने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए, जो NEET की परीक्षा में परफेक्ट स्कोर है.
माजिन ने कोटा में कोचिंग ली और अपनी मेहनत से यह असंभव लगने वाली सफलता हासिल की. उन्होंने बारहवीं की पढ़ाई बिहार बोर्ड से की है, वे कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. उनकी सफलता ने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो तो बिहार का छात्र दुनिया के किसी भी मंच पर चमक सकता है.
ISRO में बिहार की उड़ान: चंपारण के सौरभ कुमार सिंह बने वैज्ञानिक
बिहार के युवाओं की काबिलियत सिर्फ प्रशासन और चिकित्सा तक सीमित नहीं है. अब वे अंतरिक्ष विज्ञान में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. पश्चिम चंपारण के सौरभ कुमार सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में प्रथम श्रेणी के एयरोनॉटिकल वैज्ञानिक के रूप में चयनित होकर इतिहास रच दिया है.
सौरभ ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एमटेक स्कॉलर के रूप में अपनी पढ़ाई पूरी की और अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया. उनके इसरो में चयन होने से यह साबित हो गया कि बिहार के छात्र अब सिर्फ धरती पर ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी पहचान बना रहे हैं. उनका यह सफर बिहार के उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने की चाह रखते हैं.
बिहारी छात्रों का ग्लोबल तक का सफर
बिहार के छात्र सिर्फ प्रशासनिक और मेडिकल परीक्षाओं में ही नहीं, बल्कि तकनीकी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम रोशन कर रहे हैं. सारण जिले के मुकरेड़ा गांव की बेटी सविता सिंह ने अमेरिका में न्यायाधीश बनकर इतिहास रचा है. वह दक्षिण एशिया की पहली महिला न्यायाधीश बनने का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं.
अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में बिहार के सिवान जिले के छात्र शरद सागर को हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन का छात्र संघ अध्यक्ष चुना गया था. 50 देशों के 1,200 से अधिक छात्रों ने शरद सागर को चुना था. चुनाव में 9 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे थे.
बिहार अब सिर्फ अतीत की महानता की चर्चा करने वाला राज्य नहीं…
ये कहानियां बताती हैं कि बिहार अब सिर्फ अतीत की महानता की चर्चा करने वाला राज्य नहीं, बल्कि भविष्य के लीडर तैयार करने की भूमि बन चुका है. बिहार सरकार और कई निजी संस्थान मिलकर शिक्षा को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना से हज़ारों छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद मिल रही है. डिजिटल बिहार प्रोग्राम के तहत फ्री इंटरनेट और ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म्स की सुविधा दी जा रही है.
सुपर 30, मिशन 50 और रहमान 30 जैसे संस्थान आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त कोचिंग देकर उन्हें सफल बना रहे हैं. बिहार के युवा अब सिर्फ अवसरों की तलाश में नहीं, बल्कि खुद अवसर बना रहे हैं. आज का बिहार मेहनत, आत्मनिर्भरता और सफलता की कहानी लिख रहा है. बिहार दिवस सिर्फ अतीत का गौरव मनाने का दिन नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को संजोने और संकल्प लेने का अवसर भी है.
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