परिवार नियोजन के स्थायी उपायों के प्रति गंभीर नहीं बिहार, नसबंदी मामले में फिसड्डी है यह जिला

Family Planning : बिहार में 17 से 29 मार्च 2025 तक चले परिवार नियोजन पखवाड़े के नतीजों ने दिखाया कि जिला कंडोम वितरण में तो बिहार में नंबर वन रहा, लेकिन नसबंदी, गर्भनिरोधक गोली, इंजेक्शन और कॉपर-टी जैसे स्थायी उपायों में काफी पीछे रह गया.

By Ashish Jha | April 15, 2025 11:10 AM
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Bihar Family Planning: पटना. बिहार में नीतीश सरकार शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रही है, लेकिन इसके प्रति लोगों को गंभीरता देखने को नहीं मिल रहा है. सरकार द्वारा कई योजनाओं के माध्यम से लोगों को लुभाया जा रहा है. इसके बावजूद बिहार के भागलपुर जैसे जिले में परिवार नियोजन के उपायों के प्रति लोगों में जागरुकता का अभाव दिख रहा है. बिहार में 17 से 29 मार्च 2025 तक चले परिवार नियोजन पखवाड़े के नतीजों ने दिखाया कि जिला कंडोम वितरण में तो बिहार में नंबर वन रहा, लेकिन नसबंदी, गर्भनिरोधक गोली, इंजेक्शन और कॉपर-टी जैसे स्थायी उपायों में काफी पीछे रह गया.

भागलपुर ने पाया पहला स्थान

बिहार में डबल इंजन नीतीश कुमार की सरकार परिवार नियोजन के लिए लोगों को प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. इसके बावजूद यह स्थिति जनसंख्या नियंत्रण के लिए चुनौती बन रही है. 17 से 29 मार्च 2025 तक चले परिवार नियोजन पखवाड़े में बिहार का लक्ष्य था 46,84,350 कंडोम बांटने का, लेकिन पूरे राज्य में 32,66,534 कंडोम बंटे, जो 70% उपलब्धि है. वहीं, भागलपुर ने कमाल कर दिखाया. जिले को 1,21,750 कंडोम बांटने का लक्ष्य मिला था, लेकिन यहां 2,50,893 कंडोम बांटे गए, यानी 206% उपलब्धि. इस शानदार प्रदर्शन ने भागलपुर को बिहार में पहला स्थान दिलाया. कंडोम वितरण में भले ही भागलपुर ने बाजी मारी, लेकिन नसबंदी और बंध्याकरण के मामले में यह जिला फिसड्डी साबित हुआ है.

टॉप 5 जिले

भागलपुर (206%)
मुंगेर (151%)
पूर्वी चंपारण (118%)
लखीसराय (116%)
जहानाबाद (114%)

स्थायी उपाय को लेकर उदासीन लोग

परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुष की भी अहम भूमिका होती है. दो बच्चों के बाद यदि किसी कारण से महिला नसबंदी नहीं करा सकती है, तो पुरुष को नसबंदी करा लेनी चाहिए. पुरुष नसबंदी महिलाओं के बंध्याकरण से 20 गुना अधिक सरल और सुलभ है. महिला बंध्याकरण के प्रति भी लोगों में कोई रुचि नहीं दिखी. बिहार में 67,260 का लक्ष्य था, जिसमें 28,048 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया. भागलपुर को 2,010 का लक्ष्य मिला, लेकिन सिर्फ 1,258 महिलाओं की नसबंदी हुई (41% उपलब्धि). इस मामले में जिला 15वें स्थान पर रहा. पुरुष नसबंदी मामले में तो हालत और खराब रही. भागलपुर को 100 पुरुषों की नसबंदी का लक्ष्य मिला, लेकिन सिर्फ एक पुरुष ने नसबंदी कराई. इससे जिला 30वें स्थान पर खिसक गया.

महिला नसबंदी में टॉप 5 जिले:
पश्चिम चंपारण (82%), मधेपुरा (77%), अररिया (76%), बांका (69%), वैशाली (69%).
पुरुष नसबंदी में टॉप 5 जिले:
शेखपुरा (68%), वैशाली (45%), अरवल (34%), बांका (33%), नवादा (29%)

कितनी है नसबंदी प्रोत्साहन राशि

बिहार में पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को 3000 हजार रुपये और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि तत्काल मिलती है. महिला नसबंदी कराने पर 2000 महिला को और प्रेरक को 300 रुपये मिलते है. प्रसव के बाद तत्काल महिला नसबंदी पर 3000 रुपये और प्रेरक को 400 रूपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है. इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी पर भी प्रोत्साहन राशि की सुविधा है. राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का विशेष ध्यान जनसंख्या स्थिरीकरण पर है. इसके लिए न केवल महिल बल्कि पुरुषों को भी आगे आना होगा. ताकि सभी अपने परिवार के साथ समाज को भी खुशहाल बना सकें.

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