बिहार में अब ये गलती की तो दाखिल-खारिज का आवेदन होगा रिजेक्ट, जमीन म्यूटेशन में अब सख्ती लागू…

Bihar Land Mutation: बिहार में अब एक ही जमीन पर दोबारा दाखिल-खारिज का ऑनलाइन आवेदन करने पर वह रिव्यू स्तर पर ही खारिज कर दिया जाएगा. राजस्व विभाग ने सॉफ्टवेयर में यह व्यवस्था लागू कर दी है और सभी जिलों के अधिकारियों को सख्ती से पालन का निर्देश दिया है.

By Anshuman Parashar | July 6, 2025 12:19 PM
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Bihar Land Mutation: बिहार में जमीन संबंधी दाखिल-खारिज प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. अब कोई भी रैयत यदि एक ही जमीन के लिए पहले आवेदन अस्वीकृत होने के बाद दोबारा ऑनलाइन आवेदन करता है, तो वह आवेदन रिव्यू स्तर पर ही खारिज कर दिया जाएगा.

राजस्व कर्मचारी पहले ही करेंगे जांच, अंचल अधिकारी को देंगे रिपोर्ट

नए नियमों के तहत ऑनलाइन दाखिल-खारिज आवेदनों की शुरुआती समीक्षा राजस्व कर्मचारी करेंगे. वे यह जांच करेंगे कि क्या जमीन से संबंधित मामला पहली बार अंचल अधिकारी के न्यायालय में आया है या पहले से अस्वीकृत हो चुका है. अगर मामला पहले ही खारिज हो चुका है और रैयत ने दोबारा वही आवेदन किया है, तो राजस्व कर्मचारी उसे रिव्यू स्तर पर ही अस्वीकृत कर देंगे और एक रिपोर्ट बनाकर अंचल अधिकारी को भेजेंगे.

DCLR कोर्ट में अपील का सुझाव भी शामिल

राजस्व कर्मचारी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर अंचल अधिकारी आवेदन को रद्द करने के साथ यह भी उल्लेख करेंगे कि रैयत को अब DCLR(उप समाहर्ता भूमि सुधार) के न्यायालय में अपील करनी चाहिए. इससे भूमि विवादों का दोहराव रुक सकेगा और अंचल कार्यालयों पर गैरजरूरी बोझ कम होगा.

सॉफ्टवेयर में किया गया तकनीकी सुधार

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस प्रक्रिया को विभागीय सॉफ्टवेयर में लागू कर दिया है, ताकि सिस्टम स्तर पर ही दोहराए गए आवेदनों को चिन्हित किया जा सके. यह डिजिटल फिल्टरिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पुराना अस्वीकृत वाद दोबारा प्राथमिक स्तर पर न आए.

सचिव ने जारी किया निर्देश, सभी जिलों में लागू होगा आदेश

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं और प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र जारी कर इस नई प्रक्रिया की जानकारी दी है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि वे सभी अंचलाधिकारियों और संबंधित कर्मचारियों को निर्देशित करें कि ऑनलाइन दाखिल-खारिज आवेदनों का समाधान इसी नए ढांचे के अनुसार करें.

डिजिटल सिस्टम से मिलेगी पारदर्शिता और न्याय

इस नए नियम से भूमि विवादों की दोहराव प्रक्रिया पर रोक लगेगी और राज्य में भूमि प्रशासन की पारदर्शिता में सुधार होगा. साथ ही रैयतों को भी यह स्पष्ट रहेगा कि अगर उनका आवेदन अस्वीकृत हुआ है, तो अगला कदम क्या होना चाहिए.

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