Bihar Land Survey: दस्तावेज खोजने को मिलेगा 3 माह का और समय, मंत्री बोले- सर्वे करने रैयत के घर जायेंगे सीओ
Bihar Land Survey: दिलीप जायसवाल ने कहा कि रैयतों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसको लेकर सरकार सजग है. अगर छह माह में भी किसी कारण से किसी की भी जमीन का सर्वे नहीं होता है, तो सरकार उस रैयत के घऱ पदाधिकारी को भेजकर उसकी जमीन का सर्वे कराएगी.
By Ashish Jha | September 30, 2024 3:05 PM
Bihar Land Survey: पटना. बिहार में चल रहे जमीन सर्वे को लेकर सरकार ने रैयतों को एक बार फिर समय की छूट देने का मन बना लिया है. पिछल दिनों ही सरकार ने रैयतों को जमीन के कागजात खोजने के लिए तीन माह का वक्त दिया था, लेकिन अब विभागीय मंत्री दिलीप जायसवाल ने संकेत दिए हैं कि जमीन सर्वे का काम तीन माह के लिए और टाला जा सकता है. यानी जमीन का कागज तैयार करने के लिए लोगों के पास कुल 6 माह का समय मिल सकता है. दिलीप जायसवाल ने कहा कि रैयतों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसको लेकर सरकार सजग है. अगर छह माह में भी किसी कारण से किसी की भी जमीन का सर्वे नहीं होता है, तो सरकार उस रैयत के घऱ पदाधिकारी को भेजकर उसकी जमीन का सर्वे कराएगी. मंत्री ने कहा कि हमलोग सीओ का टीम बना रहे हैं, जहां भी काम ज्यादा पेंडिंग होगा वहां सीओ की टीम भेजकर काम कराएंगे.
बिहार में जमीन विवादों के मामले बहुत नहीं
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि रैयतों परेशानी को देखते हुए सरकार की ओर से तीन माह के लिए जमीन सर्वे का काम आगे बढ़ा दिया गया है. इसके बावजूद ब्लॉक कार्यालय में काम की रफ्तार धीमा है और तीन माह के अंदर कागज निकाल देने के नाम पर दलाल सब मौके का फायदा उठा रहा है. मंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि ब्लॉक में दलाल सब घूमते रहता है. रैयत चिंता न करें तीन माह का समय है, वे अपना जमीन का कागज ढूंढ लें. अगर इस समय अवधि में कागजात नहीं बन पायेगा तो तीन माह का समय और बढ़ाया जा सकता है. 60 प्रतिशत लोग तीन चार माह में आराम से अपना काम करा लेंगे. 16-17 फीसद जमीनों पर ही विवाद है.
जायसवाल ने कहा कि रैयतों को किसी कागज के लिए ब्लॉक में दौड़ने की जरुरत नहीं है. मंत्री ने माना कि राज्य के प्रखंड कार्यालयों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. तीन माह की समय सीमा के कारण रैयतों में आपधापी मची हुई है. दलाल खुलेआम रैयतों से पैसे वसूल रहे हैं. ऐसे में समय सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. सीओ की कार्यशैली से बेहद नाराज मंत्री ने कहा कि खुद को बहुत व्यस्त दिखाकर प्रखंड कार्यालय में बैठे सीओ सब किसी तरह के जमीन के कागजात को पेंडिग रख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठक में इस बात का फैसला लिया गया है कि जहां पर मामला अधिक पेंडिंग होगा, सरकार वहां अलग से एक दर्जन से अधिक सीओ भेजकर काम का निपटारा कराएगी. उन्होंने कहा कि अभी तक 37 सीओ के खिलाफ एक्शन हो चुका है. चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा भ्रष्टाचार बहुत पुराना कोढ़ है धीरे-धीरे दूर होगा.
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