Bihar Land Survey: बिहार में बन रहा एक खास रिकार्ड, 1 साल में 1000 से अधिक सर्वेक्षण कर्मियों ने छोड़ी नौकरी

Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. राज्य सरकार ने रैयतों को 31 मार्च 2025 तक स्वघोषणा-पत्र जमा करने का निर्देश दिया था. समय सीमा समाप्ति के बाद भी लाखों रैयतों में स्वघोषणा पत्र जमा नहीं किया है. जमीन सर्वे के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में सर्वेक्षण कर्मियों को नियोजित किया गया था. हालांकि बड़ी संख्या में भूमि सर्वेक्षण कर्मी नौकरी छोड़ रहे हैं, जिससे भूमि सर्वेक्षण पर संकट मंड़राता दिख रहा है.

By Ashish Jha | April 2, 2025 7:09 AM
an image

Bihar Land Survey: पटना. बिहार में भूमि सर्वे के बीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में नौकरी छोड़नेवालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एक साल के अंदर किसी एक विभाग या किसी एक पद से नौकरी छोड़ने का यह एक नया रिकार्ड है. एक ओर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी रैयतों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द स्वघोषणा पत्र जमा कर दें. दूसरी ओर सर्वे कार्य में लगे सर्वेक्षण कर्मियों का नौकरी छोड़कर जाने का सिलसिला जारी है. विभागीय जानकारी के अनुसार अब तक भूमि सर्वे करने वाले करीब एक हजार कर्मियों ने त्यागपत्र दे दिया है, जो एक रिकॉर्ड है.

11 सर्वेक्षण कर्मियों का इस्तीफा स्वीकार

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 28 मार्च को 11 सर्वेक्षण कर्मियों का इस्तीफा स्वीकार किया है. सारण और बेगूसराय के जिला बंदोबस्त पदाधिकारियों की अनुशंसा पर भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने सभी का इस्तीफा स्वीकार किया है. इनमें 10 सर्वेक्षण कर्मी बेगूसराय के हैं, वहीं सारण जिले से एक का इस्तीफा स्वीकार किया गया है. विभाग ने कहा है कि सभी का शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच में है. प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. ऐसे में बड़ी संख्या में भर्ती अमीन अपने पदों से त्यागपत्र दे रहे हैं, जिससे भूमि सर्वेक्षण पर संकट मंड़राता दिख रहा है.

करीब एक हजार कर्मचारियों ने दिया त्यागपत्र

बिहार सरकार ने जमीन सर्वे शुरू होने से पूर्व इस काम के लिए बड़ी संख्या में सर्वेक्षण कर्मियों को नियोजित किया गया था. हालांकि बड़ी संख्या में भूमि सर्वेक्षण कर्मी नौकरी छोड़ रहे हैं. सर्वे कर्मियों के त्यागपत्र और नो ऑब्जेक्शन के विषय ने इस काम को पूरा करने की चुनौती बढ़ा दी है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले माह ही गया में 42 और मधुबनी में 26 सर्वे कर्मियों ने त्यागपत्र दिया था. एक साल के अंदर बिहार के सभी जिलों को मिलाकर त्यागपत्र देने वाले कर्मियों की संख्या करीब एक हजार है. इन कर्मियों ने जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के बाद सर्वे कर्मी के पद से त्यागपत्र दे दिया है. बताया जाता है कि इनकी नियुक्ति जूनियर इंजीनियर के नियमित पद पर हो चुकी है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version