Bihar Land Survey: बिहार में 100 साल पुराने करीब 18 करोड़ रेवेन्यू रिकॉर्ड, अब तक इतने दस्तावेज हुए स्कैन
Bihar Land Survey: बिहार के अंचल, अनुमंडल डीसीएलआर समेत जिला रिकॉर्ड रूम में पड़े 100 साल पुराने सभी तरह के 18 करोड़ रेवेन्यू रिकॉर्ड हैं. इनमें से अभी 15 फीसदी दस्तावेज का भी स्कैनिंग नहीं हो सका है. महज 10 फीसदी दस्तावेज ही अपलोड हो पाया है.
By Ashish Jha | September 30, 2024 12:44 PM
Bihar Land Survey: पटना. सरकार चाहे जितना दावा कर ले, लेकिन सरकारी दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन काफी धीमा चल रहा है. जमीन सर्वे के लिए दस्तावेज की तलाश में लोग ऑन लाइन दस्तावेज की तलाश करते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को निराशा हाथ लग रही है. उन्हें वहां अपना दस्तावेज नहीं मिल रहा है. बिहार के अंचल, अनुमंडल डीसीएलआर समेत जिला रिकॉर्ड रूम में पड़े 100 साल पुराने सभी तरह के 18 करोड़ रेवेन्यू रिकॉर्ड हैं. इनमें से अभी 15 फीसदी दस्तावेज का भी स्कैनिंग नहीं हो सका है. महज 10 फीसदी दस्तावेज ही अपलोड हो पाया है.
पुराने रजिस्ट्री दस्तावेजों का डिजिटाइज
पुराने रजिस्ट्री दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए निबंधन विभाग उन्हें डिजिटाइज भी कर रहा है. इसके तहत 200 साल पुराने दस्तावेजों को भी डिजिटल किया जाएगा. निजी एजेंसी को सभी तरह के रेवेन्यू रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग का काम सौंपा गया है, जो काफी धीमा चल रहा है. इसके लिए 1796 से 1995 तक की अवधि के पांच करोड़ 13 लाख 48 हजार से अधिक निबंधित दस्तावेजों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से डिजिटाइज किया जाएगा. अभी तक 1995 से लेकर अब तक के करीब दो करोड़ 34 लाख दस्तावेजों को डिजिटल रूप दिया जा चुका है.
चार साल से अधिक हो गया और 18 करोड़ अभिलेख का 10 फीसदी भी स्कैन नहीं हुआ है. 18 करोड़ अभिलेख को स्नैन और अपलोड करने में अभी कई वर्ष लग सकते हैं. इतने बड़े डेटा को रखने के लिए भी जिस प्रकार के सर्वर की जरुरत है, वो अभी बिहार सरकार के पास उपलब्ध नहीं है. अभी ही साइट कभी हैंग होती है तो कभी बफरिंग करती है. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव, विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि रजिस्ट्री दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए डिजिटाइजेशन का काम जारी है. यह काम कब तक पूरा होगा यह कहना अभी मुश्किल है. जल्द से जल्द इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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