Bihar Land Survey: भूमि सर्वेक्षण के कारण इन 4 वजहों से लोग हो रहे सबसे ज्यादा परेशान

Bihar Land Survey: बिहार के 45 हजार गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. राज्य सरकार इस काम को ऐतिहासिक फैसला बता रही है लेकिन लोग कुछ कारणों से काफी परेशान हो रहे हैं.

By Paritosh Shahi | September 21, 2024 5:53 PM
feature

Bihar Land Survey: 20 अगस्त से बिहार के 45 हजार गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम तेजी से चल रहा है. जब से भूमि सर्वे का काम शुरू हुआ है तभी से देश से लेकर विदेश में रह रहे बिहारी लोगों के बीच यह चर्चा का कारण बना हुआ है. एनडीए सरकार में शामिल दल और नेता जहां एक ओर इस फैसले को ऐतिहासिक बता रहे हैं तो तेजस्वी यादव और राजद के तमाम नेता सर्वे को लेकर नीतीश सरकार पर हमलावर है. बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम 65 साल बाद हो रहा है जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. सर्वे के दौरान आ रही दिक्कतों की वजह से लोग काफी परेशान बताये जा रहे है. सर्वे को लेकर अब तक जो जानकरी आई है उसके मुताबिक सर्वे के 4 ऐसे लूपहोल हैं, जिस कारण लोग काफी परेशान हैं. कहा जा रहा है कि इन कमियों को लेकर अगर सरकार जल्द से जल्द कोई कदम उठाएगी तो लोगों को होने वाली परेशानी में कमी आ सकती है.

बिहार में जमीन सर्वे क्यों करा रही नीतीश सरकार?

बिहार में जारी जमीन सर्वे का कारण यह बताया जा रहा है कि लोगों के पास जमीन तो है, लेकिन उसका कागज नहीं, इसलिए सर्वेक्षण करके सबके कागज मजबूत किए जा रहे हैं. सरकार का मानना है कि राज्य प्रशासन अपनी 50 प्रतिशत से ज्यादा समय जमीन विवाद को सुलझाने में ही बीत रहा है. अगर सर्वेक्षण में सबके कागज तैयार रहेंगे तो भविष्य में जमीन को लेकर लड़ाई नहीं होगी.

लोगों को क्या-क्या परेशानी आ रही है?

  1. बिहार में बेरोजगारी का क्या आलम है ये जगजाहिर है. रोजगार की कमी के कारण ज्यादातर पुरुष घर से हजारों किलोमीटर दूर अन्य राज्यों में नौकरी करने चले जाते हैं. कम पढ़े लिखे लोग कम कमाई में किसी तरह से गुजर बसर कर अपना परिवार चलते हैं. इसी बीच बिहार सरकार ने राज्य में जमीन सर्वे का ऐलान कर दिया. जमीन सर्वे के दौरान कहीं उनकी जमीन ना छिन जाए, इसका डर बड़ी संख्या में बहार रहे रहे बिहारियों को गांव लौटने पर मजबूर कर रहा है. इस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ कहा है. एक तरफ बिहार सरकार दावा कर रही है कि सर्वे की प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है लेकिन जमीन के कागज, वंशावली और अन्य छोटे-छोटे काम के लिए लोगों को गांव आने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इससे उनपर परिवार को पालने का संकट पैदा हो रहा है.
  2. भूमि सर्वेक्षण के दौरान जो दूसरी सबसे बड़ी समस्या आ रही है वो यह है कि बिहार में अधिकांश लोगों के पास पैतृक संपत्ति है, यानी वह अपने पूर्वजों की जमीन के मालिक हैं. नियम के मुताबिक उन जमीनों पर दावा के लिए वंशावली की जरूरत होती है और वंशावली बनाने का अधिकार सरपंचों को दिया गया है. कई जगह से ऐसी खबर आ चुकी है कि वंशावली तैयार करने में सरपंच लोगों को काफी परेशान कर रहे हैं. इससे भूमि मालिक काफी परेशान हैं. इसके अलावा इस प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों की तरफ से ली जाने वाली रिश्वत भी लोगों के बीच परेशानी का सबब बना हुआ है.
  3. तीसरी सबसे बड़ी समस्या उभर से ये सामने आई है कि बिहार में अब तक जमीन रजिस्ट्री की भाषा कैथी लिपि में ही रही है. दरअसल, 1919 में हुए सर्वेक्षण के दौरान इसी लिपि का इस्तेमाल किया गया था. जिस वजह से अधिकांश बिहारियों के पास जमीन के मूल कागज इसी लिपि में है. वर्तमान में इस लिपि को पढ़ने वाले लोगों की संख्या काफी कम हैं. सर्वेक्षण के दौरान इसको लेकर भूमि मालिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जब इस समस्या को लेकर बिहार के हर कोने से शिकायत आने लगी तो इससे निजात दिलाने के लिए सरकार ने सर्वे में लगे अमीनों को कैथि लिपि की ट्रेनिंग दिलाने का फैसला किया है.
  4. चौथी समस्या यह है कि बिहार में एक तिहाई जमीन लड़ाई-झगड़े में फंसा है. टीवी, सोशल मीडिया और अख़बार में रोज जमीन विवाद की खबरें आती ही रहती है. ऐसे में भूमि मालिकों के पास जमीन का पूरा कागज नहीं है. सभी कागज न होने पर राजस्व विभाग के अधिकारी सर्वे का काम रोक दे रहे हैं. पैसा मांग रहे है. सोशल मीडिया पर जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. फिर जमीन के सभी कागजात निकालने में महीनों लग रहे हैं. आज कल राजस्व कार्यालय में इन दिनों इसकी वजह से लंबी-लंबी लाइनें लग रही है.

इसे भी पढ़ें: भूमि सर्वेक्षण पर आया बड़ा अपडेट, प्रत्येक अंचल कार्यालय में तैयार होंगे एक मास्टर ट्रेनर

Shivdeep Lande ने लोगों से की भावुक अपील, बोले – कृपया मेरा नाम किसी दल से न जोड़ें

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version