Bihar Land Survey: जमीन के फर्जीवाड़े पर लगेगा फुल स्टॉप, 13 लाख से अधिक जमीन रिकॉर्ड्स आधार से लिंक, 31 मई तक का लक्ष्य

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन लैंड सर्वे का काम तेजी से निपटाया जा रहा है. इस कड़ी में जमीन के रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक करने के काम ने तेजी पकड़ ली है. राजधानी पटना के 13 लाख 25 हजार 956 लोगों के जमीन रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक कर दिया गया है.

By Preeti Dayal | April 28, 2025 10:48 AM
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Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम बड़े ही तेजी से निपटाया जा रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जमीन के फर्जीवाड़े और विवादों को रोकने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. राजधानी पटना की बात करें तो, अब तक करीब 13 लाख 25 हजार 956 लोगों के जमीन रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक कर दिया गया है. हालांकि, आवेदन 17 लाख से भी अधिक लोगों ने किया था. बाकी के शेष लोगों के रिकॉर्ड्स को लिंक करने का काम जारी है.  

13 लाख से अधिक हो चुके हैं लिंक 

इधर, आंकड़ों की माने तो, सबसे अधिक पालीगंज और मसौढ़ी में लोगों ने जमीन के रिकार्ड को आधार से लिंक कराया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से सभी डीएम को लेटर जारी किया गया है. इस लेटर के जरिये जिनकी भी जमाबंदी हो चुकी है, वैसे जमीन को आधार से लिंक करने का आदेश दिया गया. 13 लाख 25 हजार 956 लोगों की जमाबंदी आधार से लिंक कर दी गई है. हालांकि, बाकी 4 लाख 19 हजार 301 लोगों की जमाबंदी की छानबीन चल रही है. इसमें एक लाख 25 हजार 788 लोगों के जमीन के रिकार्ड की जांच हो चुकी है और इनका आधार से लिंक होना रह गया है. इसके अलावा जिन अंचलों में सबसे अधिक भूमि के जमाबंदी को आधार से सीडिंग किया गया है उसमें पालीगंज में 75 हजार 121, मसौढ़ी में 74 हजार 855, पुनपुन में 67 हजार 835, बांकीपुर में 59 हजार 380 और धनरुआ अंचल में 57 हजार 840 लोगों की भूमि का रिकॉर्ड शामिल है.

31 मई तक लिंक करने का लक्ष्य

बता दें कि, अंचल कार्यालयों में कर्मचारियों को लिंक करने का यह काम दिया गया है. साथ ही इस काम को 31 मई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. याद दिला दें कि, 20 अप्रैल तक लोगों ने अपनी जमीन के रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक कराने के लिए आवेदन दिया था.

जमीन रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक कराना क्यों है जरूरी ? 

अधिकारियों की माने तो, जमीन के रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक कराना बेहद जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे जमीन के फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी. अगर कोई भी व्यक्ति किसी जमीन को दोबारा बेचना चाहता है तो ऐसी स्थिति में यह मामला पकड़ में आ जाएगा. इसके साथ ही साथ एक शख्स के नाम से कितनी जमीनें हैं, इसकी भी पूरी जानकारी मिल सकेगी. इससे जमीन से जुड़े विवादों पर भी फुल स्टॉप लगेगा. 

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