दस्तावेज दुरुस्त किये बगैर किसान जमा कर रहे प्रपत्र, कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे रैयत
Bihar Land Survey नई पीढ़ी नक्शा-खतियान देखने के लिए गांव घर के जानकार लोगों का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है. बहुत खतियान कैथी भाषा में लिखा हुआ है, जिसे पढ़ने-समझने वालों लोग नहीं मिल रहे हैं.
By RajeshKumar Ojha | September 19, 2024 7:55 PM
कंचन कुमार, बिहारशरीफ. Bihar Land Survey बिहार में भूमि सर्वे का काम जैसे-जैसे जोर पकड़ रहा है. वैसे-वैसे किसानों में दस्तावेज को लेकर बेचैनी बढ़ रही है. प्रतिदिन 200 से 300 किसान अपनी जमीन का दस्तावेज को लेकर जिला निबंधन और जिला अभिलेखागार तक पहुंच रहे हैं. कई लोग अलिखेगार में लोग अपने जमीन का खतियान का नकल निकालने पहुंच रहे हैं. अंचल व अनुमंडल कार्यालय में भी जमीन के कागजात में सुधार करने में लोगों की भीड़ पहुंच रही है. लेकिन, यहां पर इनको संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहे हैं. इनको इस बात का भय अब सताने लगा है कि कहीं बाप दादा की मिल्कियत हाथ से नहीं खिसक जाए.
नई पीढ़ी नक्शा-खतियान देखने के लिए गांव घर के जानकार लोगों का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है. बहुत खतियान कैथी भाषा में लिखा हुआ है, जिसे पढ़ने-समझने वालों लोग नहीं मिल रहे हैं. बभनियावां गांव निवासी अर्जुन प्रसाद बताते हैं कि करीब 1912-1913 कलेक्ट्रल सर्वे पूरा हुआ था, कलेस्ट्रल सर्वे पूरा कराकर खतियान तैयार कराने में अंग्रेजी सरकार को करीब 100 साल हो गये हैं. उस समय बिहार और उत्तर प्रदेश में कैथी हिंदी भाषा की प्रचलन थी. उसके के पढ़े-लिखने वाला हर कोई कैथी हिंदी भाषा पढ़ना-लिखना जानता था. अब जमीन बिक्री का कैबाला, बंदोबस्त भूमि का रिटर्न से लेकर जमींदारी दस्तावेज कैथी भाषा के जानकार बहुत ही कम लोग रहे गये हैं, जो कैथी हिंदी को बड़ी सहजता से पढ़कर देवनागरी भाषा में तैयार कर देते हैं. हालांकि इसके लिए वे अपने मन-मुताबिक रुपये की मांग करते हैं.
रैयत प्रपत्र अमीन के पास करे जमा बिहार भू-सर्वेक्षण के दौरान रैयत आनन-फानन में अपनी भूमि के पेपर दुरुस्त कराये बिना प्रपत्र-2 और प्रपत्र-3 भकर अमीन के पास जमा कर रहे हैं. इससे उनकी परेशानी भविष्य में बढ़ेगी. सरकार के सर्वे पोर्टल पर अपलोड होने के बाद वांछित सुधार कराने का कम मौका रह जायेगा. ऐसे माना जा रहा है कि ऑनलाइन जमाबंदी सुधार कराये बिना सर्वे की परिकल्पना संभव नहीं है. सूत्र बताते हैं कि रजिस्ट्रर -टू डिमांड ऑनलाइन अपलोड करने के दौरान एलआइसी के कर्मियों ने भारी लापरवाही की है.
इस दौरान वैकल्पिक राजस्व रसीद में अंकित रैयत का नाम खाता प्लॉट और रकवा में भी काफी हेराफेरी की गयी है. फिलहाल परिमार्जन से भी सुधार की गुजांइश नहीं रह गयी हैं. ऐसी कोई बात नहीं है, परंतु राजस्व कर्मचारी और अंचल कर्मी इसके प्रति रुचि नहीं लेते हैं. बेन प्रखंड अंतर्गत बभनियावा निवासी अर्जुन प्रसाद, भगवान बिगहा निवासी निशांत कुमार, एकंगरसराय निवासी सुरेंद्र कुमार ज्योति आदि बताते हैं कि जमीन दस्तावेज ठीक कराने के लिए कई-दिन अंचल कार्यालय के चक्कर लगाने पर अंचल कर्मी से मुलाकात होता है, लेकिन काम नहीं होता है.
यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.