Bihar Liquor Ban : बिहार में 8 साल में शराब पीने से 156 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा सारण में
Bihar Liquor Ban : बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक जहरीली शराब पीने के कारण 156 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इन लोगों को मुआवजे की राशि भी दे दी गई है. इनमें से सबसे अधिक 75 मौतें अकेले सारण जिले में हुई हैं.
By Anand Shekhar | September 24, 2024 7:15 AM
Bihar Liquor Ban: बिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू हुई थी. जिसके बाद अब तक बीते आठ साल में हूच ट्रेजेडी (जहरीली शराब) से 266 लोगों के मौत की रिपोर्ट मद्य निषेध विभाग को मिली है. इनमें से पोस्टमार्टम आदि सत्यापन के बाद 156 मामलों में जहरीली शराब से मौत की पुष्टि हुई, जिनमें अधिकांश को मुआवजे का भुगतान भी कर दिया गया है. मंगलवार को मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने सूचना भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
सबसे अधिक जान गई सारण में
विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि जहरीली शराब से अधिक मौत वाले जिलों में सारण 75, गोपालगंज 42, मुजफ्फरपुर 13, वैशाली 11 और औरंगाबाद आठ आदि शामिल रहे. सचिव ने बताया कि शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अब तक राज्य के बाहर से 234 शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है.
इन जिलों से बरामद हुई सबसे अधिक शराब
गोपालगंज, सारण, बक्सर, भोजपुर आदि जिलों में सबसे अधिक शराब की बरामदगी हुई है. उन्होंने बताया कि मद्य निषेध को कड़ाई से लागू करने के लिए मोटरबोट, ड्रोन, स्नीफर डॉग, सैटेलाइट फोन, ब्रेथ एनलाइजर, हैंड हेल्ड स्कैनर आदि उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संयुक्त आयुक्त (मद्य निषेध) कृष्ण कुमार और डीआइजी (निबंधन) सुशील कुमार सुमन भी उपस्थित रहे.
निजी घर में तांक-झांक करने का अधिकार नहीं : मंत्री
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा शराबबंदी पर उठाये गये सवालों पर मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सादा ने कहा कि जीतन बाबू बड़े नेता हैं. केंद्रीय मंत्री हैं और मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. बड़े नेता को बड़े नेता से बात करनी चाहिए. कोई व्यक्ति घर के अंदर क्या करता है, इसमें तांक-झांक करने का अधिकार किसी को नहीं है. जो पकड़ा जाता है, उसे हम जेल भेजते हैं. मंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर शराबबंदी जागरूकता को लेकर मां जानकी की धरती से सामाजिक अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत लोगों को शराब के लिए ना कहने और शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे. फिलहाल पांच जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है.
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