क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?
ऐसा माना जाता है कि किसी नई गाड़ी को खरीदने पर उसके मालिक को सबसे पहले थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य होता है. ये भले ही गाड़ी मालिक को कवर नहीं देता है, लेकिन उस गाड़ी से किसी भी एक्सिडेंट के दौरान उससे चोटिल होने वाले व्यक्ति को बीमा कवर मिलता है. इसे लाइबिलटी कवर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है. इस बीमा को वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य करने के पीछे एक बड़ा कारण रहा है. दरअसल, ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने वाहन का बीमा एक साल के बाद रिन्यू कराने से कतराते हैं, तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को पांच साल तक के लिए अनिवार्य किया है.
आर्थिक नुकसान से बचाने में कारगर
यह इंश्योरेंस बीमाधारक को सभी वाहन दुर्घटना में होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने में मदद करता है. दुर्घटना के बाद अस्पताल में होने वाले खर्चे या फिर अन्य कानूनी काम-काज की लागत को इस बीमा के तहत कवर किया जाता है.
किस नुकसान का क्लेम देती है बीमा कंपनी
- किसी अन्य व्यक्ति के वाहन को हुए नुकसान की भरपाई
- किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति को हुए नुकसान का मुआवजा
- किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में गंभीर चोट या मृत्यु पर मुआवजा
- दुर्घटना से संबंधित कानूनी या अदालती कार्रवाई का खर्च
ये नहीं होता कवर
- आपके वाहन को हुए नुकसान की भरपाई
- वाहन चोरी जाने पर कोई मुआवजा नहीं
- वाहन स्वामी को हुआ शारीरिक नुकसान
बीमा नहीं होने पर लगता है जुर्माना
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य है. बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर 2000 रुपये तक का जुर्माना या 3 महीने तक की सजा हो सकती है.
ALSO READ: Proud Bihar: बिहार में खुलेगा देश का पहला विश्वस्तरीय गन्ना रिसर्च सेंटर, पूरी दुनिया के किसानों को होगा फायदा