मिथिलांचल को मिलेगा खास फायदा
बता दें कि, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से सिर्फ मखाना ही नहीं बल्कि मधुबनी पेंटिंग के निर्यात में भी वृद्धि की संभावना है. कर में छूट मिलने से इन उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, जिससे कलाकारों की आय में बढ़ोतरी होगी. वहीं, मिथिला से निर्यात होने वाले सिक्की से बने उत्पाद, आम, पापड़, अचार और मिथिला मिष्ठान्न जैसे अन्य उत्पादों की भी मांग में तेजी आ सकती है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से खासकर मिथिलांचल के कारोबारियों को बड़ा फायदा होने वाला है. इस तरह मिथिला की परंपरागत कला-उत्पादों को वैश्विक मंच मिलेगा, जिससे पूरे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
व्यवसायियों को बड़ा फायदा
इधर, व्यवसायियों की माने तो, इस फैसले से आयात-निर्यात पर सकारात्मक असर पड़ेगा. हर साल करीब चार करोड़ रुपये के मखाने का विदेशों में व्यापार होता है. ऐसे में एफटीए के बाद यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है. एफटीए के इस फैसले के बाद मखाना उत्पादन और प्रोसेसिंग से जुड़े लोगों में नया जोश और उम्मीद देखी जा रही है.
क्या होता है एचएस कोड?
एचएस कोड की बात करें तो, यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त प्रणाली है, जिसे विश्व सीमा शुल्क संगठन के स्तर से वस्तुओं के व्यापार यानि कि आया-निर्यात के लिए वर्गीकरण करने के लिए किया गया है. मखाने को अपनी अलग पहचान एचएस कोड मिलने से किसानों को इसका सीधा लाभ मिल सकेगा. इसके साथ ही इससे सरकारी योजनाओं और निर्यात प्रोत्साहनों का भी लाभ आसानी से मिल सकेगा.
क्या है फ्री ट्रेड अग्रीमेंट?
फ्री ट्रेड अग्रीमेंट दो या दो से ज्यादा देशों के बीच लागू होता है. वे अपने प्रोडक्ट्स को लेकर एक-दूसरे के देशों में टैरिफ खत्म करने या कम करने पर चर्चा करते हैं. इससे देशों के बीच व्यापार को आसान बनाया जाता है और इसका सीधा फायदा किसानों, कारोबारियों और उत्पादकों को होता है, क्योंकि उन्हें अपना सामान विदेशों में बेचने का मौका मिलता है और वो कम खर्च में आयात-निर्यात कर पाते है. ऐसे ही भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ, जिसके बाद भारत को अपनी 99 फीसदी एक्सपोर्ट उत्पाद पर ब्रिटेन में टैक्स फ्री एक्सपोर्ट मिलेगा. जबकि, भारत ब्रिटेन से आने वाले 90 फीसदी उत्पादों पर टैरिफ कम या फिर हटा दिया जाएगा.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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