जल निकासी पर विशेष ध्यान
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि प्रदेश के 26 जिलों को बारिश के मौसम में कुशल जल निकासी के लिए अतिरिक्त पुलों और पुलियों की आवश्यकता है. यह विशेष रूप से उत्तर बिहार में वार्षिक बाढ़ की समस्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है. चौधरी ने नेपाल सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया है ताकि ऊंचे बांध बनाए जा सकें, जिससे बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत गंडक, कोसी और कमला जैसी प्रमुख नदियों से आने वाली बाढ़ को नियंत्रित किया जा सके.
वित्तीय सहायता की मांग
बिहार सरकार की तरफ से भेजे गए पत्र में केंद्र से अनुरोध किया गया है कि गंडक, कोसी और कमला जैसी नदियों से आने वाली बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए 90% केंद्रीय सहायता वाली योजनाओं को मंजूरी दी जाए. इसके अलावा, इन निर्माण कार्यों में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. डिप्टी सीएम ने केंद्र से एक अतिरिक्त उधार सीमा की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है, जिसमें बिहार के लिए 1% जीएसडीपी छूट का सुझाव दिया गया है जब तक कि इसकी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत तक नहीं पहुंच जाती है.
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दरभंगा हवाई अड्डे को अपग्रेड करने का निवेदन
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी विस्तार करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के सामने रखा है. उन्होंने 50-100MW क्षमता वाले सौर पार्क स्थापित करने और मौजूदा समयसीमा को 2028 तक बढ़ाने का आग्रह किया है, साथ ही, बिहार पहले से ही दरभंगा और सुपौल में फ्लोटिंग सौर संयंत्र स्थापित करने की योजना पर कार्यरत है. इन सब के अलावा राजगीर और भागलपुर में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के प्रावधान तथा दरभंगा हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड करने का निवेदन किया गया है. इससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
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