अब एक ही मशीन करेगी दिल और दिमाग की जांच, IGIMS में खुलेगा बिहार का पहला बाइप्लेन कैथ लैब

Bihar News: राजधानी पटना के IGIMS में एक ऐसी लैब तैयार की जा रही है, जहां एक साथ दिल और दिमाग दोनों की बीमारियों की जांच की जा सकेगी. इतना ही नहीं बुढ़ापे में जिन मरीजों की नस नहीं मिलती है, उनकी समस्या का समाधान भी इस लैब में किया जा सकेगा.

By Abhinandan Pandey | October 15, 2024 9:09 AM
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Bihar News: राजधानी पटना के IGIMS में एक ऐसी लैब तैयार की जा रही है, जहां एक साथ दिल और दिमाग दोनों की बीमारियों की जांच की जा सकेगी. इतना ही नहीं बुढ़ापे में जिन मरीजों की नस नहीं मिलती है, उनकी समस्या का समाधान भी इस लैब में किया जा सकेगा. बता दें कि इस लैब के शुरू होने के बाद बिहार के मरीजों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

बता दें कि, बिहार में दिल और दिमाग के रोगियों की संख्या काफी ज्यादा है. कभी-कभी जांच में देरी या फिर सही जांच नहीं होने की वजह से इलाज प्रभावित होता है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ऐसी मुश्किलों को दूर कर बिहार के लोगों के लिए इलाज आसान बनाने के प्रयास में है. इसी कड़ी में बाइप्लेन कैथ लैब बनाया जा रहा है. जिसमें मरीजों के दिल से लेकर दिमाग तक की बीमारियों की जांच हो सकेगी. बता दें कि बिहार में इस तरह का यह पहला हाईटेक कैथ लैब होगा.

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बिहार में पहली मशीन, जिसमें एक साथ ब्रेन और हार्ट की जांच

IGIMS के चिकित्सकों ने बताया कि ऐसी मशीन काफी महंगी आती है, जिससे दो तरह की जांच की जाती है. यह मशीन मोनो प्लेन और बाई प्लेन होती है. अधिकतर अस्पतालों में मोनो प्लेन कैथ लैब देखा जाता है, क्योंकि ये काफी सस्ती पड़ती है. बाई प्लेन कैथ लैब की मशीन काफी महंगी आती है, लेकिन इसमें दो तरफा जांच की सुविधा उपलब्ध होती है. एक्सपर्ट बताते हैं, बाइप्लेन से एक ही मशीन से न्यूरो और कार्डियक के साथ ब्लड वेसल्स की जांच की जाती है. यह काफी एडवांस मशीन होती है, इसमें टू सी आर्म होता है.

ऐसे रोगियों को अब नहीं जाना पड़ेगा बाहर

चिकित्सकों ने बताया कि, बाई प्लेन कैथ लैब से हार्ट और ब्रेन एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेस मेकर, वीएमबी, बैलूनिंग, वैस्कुलर में जांच काफी आसानी हो जाएगी. इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन में खून का थक्का, ब्रेन की नस फटने से जुड़े मामलों में जांच काफी सूक्ष्मता से हो सकेगी. इसके बाद डॉक्टरों को इलाज में काफी सहूलियत होगी. बता दें कि इसमें न्यूरो और कार्डियोलॉजी विभाग दोनों मिलकर काम करेंगे.

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