इन बातों की मांगी गयी जानकारी
इस बाबत सभी विश्वविद्यालयों से उनके यहां संचालित स्ववित्तपोषित समेत सभी तरह के वोकेशनल कोर्स की जानकारी मांगी गई है. साथ ही कोर्स के संचालन के लिए बने नियम और सीटों की संख्या भी मांगी गयी है. कुलसचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है कि विवि, कॉलेजों, अध्ययन केंद्रों में संचालित कोर्स (दूरस्थ समेत) के नाम, नियम-परिनियम, मान्यता, अनुमोदित सीटों की संख्या आदि की पूरी जानकारी तय फॉरमेट में दें. कोर्स की मान्यता कहां से ली गयी है, कब ली गयी है और उसके नियम को किसने स्वीकृति दी है, यह सब जानकारी फॉरमेट में देनी होगी.
एक राज्य में होंगे एक नियम
बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के शैक्षणिक सलाहकार प्रो एनके अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार के विवि-कॉलेजों में सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए समान नियम लागू भी हैं. इसी तर्ज पर वोकेशनल और स्व वित्तपोषित कोर्स के लिए भी एक नियम बनाने की तैयारी है. इसी को देखते हुए रिपोर्ट मांगी गयी है. परियोजना निदेशक ने कहा है कि पता चल रहा है कि विभिन्न विवि, कॉलेजों और संस्थानों में विभिन्न कोर्स चल रहे हैं, जिसमें नियम भी अलग हैं, जबकि एक कोर्स के लिए पूरे राज्य में एक ही नियम होने चाहिए. विवि में कई कोर्स चल रहे हैं, जिनका डाटा संग्रह करना आवश्यक है.
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