अनुपस्थित रहना प्रशासनिक अनुशासन के खिलाफ
मंत्री संजय सरावगी ने स्पष्ट किया है कि विभागीय कार्यों की समीक्षा में अनुपस्थित रहना प्रशासनिक अनुशासन के खिलाफ है और इससे विभाग के कार्य प्रभावित होते हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आगामी बैठकों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें और किसी भी परिस्थिति में अनुपस्थिति की पूर्व सूचना दें. वहीं, इस कदम का उद्देश्य विभागीय कार्य कुशलता बढ़ाना और अधिकारियों के कर्तव्य पालन में अनुशासन सुनिश्चित करना है. साथ ही, मंत्री ने कहा कि कारण बताओ नोटिस का जवाब न मिलने या संतोषजनक जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है, जिससे विभाग में अनुशासन एवं जवाबदेही सुनिश्चित हो सके.
इन अधिकारियों को मिला है नोटिस
विभाग ने कुल 32 सीओ को भी नोटिस दिया गया है, जिनमें बेलागंज (गया), मखदुमपुर (जहानाबाद), दिघवारा, बड़हरिया (सारण), मंझा (गोपालगंज), बलिया (बेगूसराय), बरहट (जमुई), बरबीघा एवं घाट कुशुम्भा (शेखपुरा), पीरो (भोजपुर), पटना सिटी (पटना), विक्रमगंज (रोहतास), गायघाट (मुजफ्फरपुर), वैशाली एवं चेहरा कला (वैशाली), अरेराज, पहाड़पुर एवं संग्रामपुर (पूर्वी चंपारण), खरीक (भागलपुर), बरहट एवं बेलहर (बांका), पूर्णिया पूर्वी, डगरुआ (पूर्णिया), पलासी, सिकटी एवं नरपतगंज (अररिया), दण्डखोड़ा, फलका, हसनगंज, कोड़ा एवं कदवा (कटिहार), जाले एवं बेनीपुर (दरभंगा) के अधिकारी शामिल हैं.
इन जगहों के डीसीएलआर नपे
विभाग की ओर से जिन अधिकाररियों को नोटिस भेजा गया है उनमें विशेष रूप से अपर समाहर्ताओं को नोटिस दिया गया है. नोटिस पानेवाले अपर समाहर्ताओं में नालंदा, गोपालगंज, अररिया, बक्सर और पूर्वी चंपारण के अधिकारी शामिल हैं. वहीं, बिहारशरीफ, राजगीर, हिलसा, औरंगाबाद, दाउदनगर, बेगूसराय, मंझौल, बखरी, पूर्णिया सदर, बनमंखी, धमदाहा, मनिहारी, मधेपुरा और उदाकिशनगंज के डीसीएलआर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस के बाद विभाग में हलचल देखने को मिल रहा है. वैसे अगली समीक्षा बैठक में ही यह तय हो पायेगा कि इस नोटिस का विभागीय कार्यशैली पर कोई असर पड़ा है या नहीं.
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