भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
प्रवीण के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसवीयू ने मामला दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार, एसवीयू को जानकारी मिली थी कि प्रवीण कुमार ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए भारी मात्रा में संपत्ति अर्जित की है. छापेमारी और जब्ती की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया था.
तीन जिलों में गिरफ्तारी के प्रयास, नहीं मिले डीईओ
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने प्रवीण कुमार की गिरफ्तारी के लिए दरभंगा, समस्तीपुर और बेतिया स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी. लेकिन वह किसी भी स्थान पर नहीं मिले. इसके बाद एसवीयू ने कोर्ट से कुर्की-जब्ती का आदेश जारी करा लिया है. अधिकारियों के अनुसार, बेतिया (पश्चिम चंपारण), बहादुरपुर (समस्तीपुर), दरभंगा और मधुबनी में प्रवीण से जुड़े कम से कम पांच आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई थी. डीईओ के दो आवासीय परिसरों से 2 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त हुई थी. नोटों की गिनती के लिए बैंक की मदद लेनी पड़ी थी.
पत्नी के नाम पर स्कूल, प्रवीण ने किया निवेश
तलाशी के दौरान जब्त संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन अभी भी जारी है. बताया गया है कि निलंबित डीईओ प्रवीण कुमार की पत्नी सुषमा कुमारी सरकारी विद्यालय में शिक्षिका हैं, लेकिन दरभंगा में निजी स्कूल चलाती हैं. स्कूल की जमीन सुषमा के नाम पर है, लेकिन उसमें निवेश प्रवीण कुमार ने किया था. स्कूल की 10 मिनी बसें भी हैं.
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