बिहार में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम निर्वाचन की अधिसूचना के साथ-साथ नामांकन को लेकर भी दिशा निर्देश जारी कर दिया है. साथ ही अभ्यर्थी के प्रस्तावक के लिए अहर्ता भी स्पष्ट कर दिया है. वहीं निर्देश जारी होने के बाद एक बात स्पष्ट हो गई है कि कोई भी कैंडिडेट एक से अधिक पद के लिए नामांकन दाखिल कर चुनाव लड़ सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब.
क्या कोई व्यक्ति एक से अधिक पद पर चुनाव लड़ सकता है?
हां, चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर बताया है कि कोई भी कैंडिडेट एक से अधिक पदों के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए उसे अलग-अलग पद के लिए नामांकन पत्र भरना होगा.
क्या इन पदों पर चुनाव लड़ने के लिए अलग से शुल्क भी देना होगा?
जी. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सभी पदों के लिए निर्धारित अनुमान्य शुल्क का रसीद या चालान की मूल प्रति नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना होगा. आयोग ने स्पष्ट किया है की नामांकन शुल्क किसी भी दशा में वापस नहीं किया जायेगा.
पंचायत चुनाव के लिए इसबार क्या है नामांकन का शुल्क?
आयोग की ओर से जारी नामांकन शुल्क निम्न है.
पद अनारक्षित कोटि आरक्षित कोटि
वार्ड सदस्य 250 रुपये 125 रुपये
वार्ड पंच 250 रुपये 125 रुपये
मुखिया 1000 रुपये 500 रुपये
सरपंच 1000 रुपये 500 रुपये
पंसस 1000 रुपये 500 रुपये
जीप सदस्य 2000 रुपये 1000 रुपये
इस बार पंचायत चुनाव में कैंडिडेट अधिकतम कितनी राशि कर सकेंगे?
पंचायत चुनाव में अभ्यर्थियों के द्वारा खर्च की जाने वाली राशि पर आयोग की नजर रहेगी. आयोग ने अलग-अलग पदों के लिए खर्च की राशि तय कर दिया है. बताया गया है की जिला परिषद् सदस्य पद के अभ्यर्थी अधिकतम एक लाख रुपये तक खर्च कर सकते है. जबकि मुखिया व सरपंच पद के अभ्यर्थी के लिए 40 हजार रुपये तक खर्च करने की सीमा तय की गयी है. इसीतरह पंचायत समिति सदस्य पद के अभ्यर्थी अधिकतम 30 हजार रुपये तो वार्ड सदस्य व पंच पद के अभ्यर्थियों के लिए खर्च की सीमा 20 हजार रुपये तय की गयी है.
पंचायत चुनाव में कौन नहीं बन सकेंगे कैंडिडेट का प्रस्तावक?
आयोग की ओर से बताया गया है कि पंचायत चुनाव में आंगनबाड़ी सेविका, साक्षरता अभियान व विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, पंचायत के अधीन मानदेय व अनुबंध पर कार्यरत पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र व टोला सेवक, मानदेय पर कार्यरत दलकर्मी, केंद्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से पूरी तरह या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संस्थाओ में कार्यरत शिक्षक, प्रोफेसर, शिक्षकेत्तर कर्मी, रसोइया व मानदेय पर कार्यरत कर्मी, कार्यरत गृहरक्षक, सरकारी वकील, लोक अभियोजक व सहायक लोक अभियोजक अभ्यर्थी का प्रस्तावक नहीं हो सकते है.
तो फिर कौन बन सकते हैं अभ्यर्थी का प्रस्तावक?
पंचायत चुनाव में सेवानृवित शिक्षक, जनवितरण प्रणाली के विक्रेता, कमीशन के आधार पर काम करने वाले अभिकर्ता व अकार्यरत गृहरक्षक के अलावे वैसे सहायक सरकारी अधिवक्ता व अपर लोक अभियोजक अभ्यर्थी क प्रस्तावक बन सकते है, जो केवल शुल्क पर नियुक्त किये गये है. इसके अलावा कोई भी मतदाता कैंडिडेट का प्रस्तावक बन सकते हैं.
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