ढाई घंटे तक चली बैठक
बता दें कि, राजधानी पटना में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर डीजीपी विनय कुमार और एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने हाई लेवल मीटिंग की. पटना जिले के पदाधिकारियों के साथ करीब ढाई घंटे तक यह बैठक चली, जिसमें कई तरह के आदेश जारी किए गए. इस दौरान पूर्वी क्षेत्र के ASP, SDPO, DSP भी मौजूद रहे. सभी की ओर से पटना के अलग-अलग जगहों पर पुलिस ने किस तरह से एक्शन लिया, उस पर विचार-विमर्श किया गया. जिसके बाद डीजीपी ने सुधार करने का समय देने के साथ-साथ कड़क आदेश भी दिया.
यूपी पुलिस की तर्ज पर हो रहा काम
डीजीपी ने अटल पथ पर हुई घटना का जिक्र किया और कहा कि, कोई वो दुर्गांत अपराधी नहीं थे. लेकिन, उन्हें लगा कि गाड़ी चेकिंग के दौरान उनकी गाड़ी से कुछ अवैध पदार्थ मिले या कुछ भी मिले, इस वजह से उन्होंने पुलिस के ऊपर गाड़ी चढ़ा दिया. वहीं, पटना पुलिस की ओर से यूपी पुलिस की तर्ज पर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि, अपराधियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पटना पुलिस यूपी में हो रहे एनकाउंटर मॉडल को अपना रही है. यूपी के तर्ज पर ही अपराधियों के पैर में पुलिस गोली मार रही है.
अफसरों को एक महीने का समय
आखिर में अफसरों को डीजीपी विनय कुमार की ओर से एक महीने का समय दिया गया. दरअसल, डीजीपी विनय कुमार ने समीक्षा बैठक के बाद कहा कि, लंबित कांड, लंबित वारंट, पेट्रोलिंग, स्पीडी ट्रायल समेत पुलिस के जीतने सारे डायमेंशन हैं, उस पर विचार विमर्श किया गया है. इस दौरान जहां कहीं भी गैप मिला, वहां पर सुधार करने और बेहतर करने का विमर्श किया गया. ठीक एक महीने के बाद फिर से समीक्षा बैठक होगी. जिसमें इन्हीं मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी.
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