सम्मान की पहचान और तेज़ी की मिसाल
दिल्ली में आयोजित पासपोर्ट सेवा परियोजना सम्मेलन में आईजी (विशेष शाखा) राकेश राठी ने विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा से यह सम्मान ग्रहण किया. विशेष शाखा के एडीजी सुनील कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि बिहार पुलिस औसतन 12 दिनों में एक पासपोर्ट सत्यापन का कार्य पूरा कर रही है और अब लक्ष्य इसे 10 दिन से कम करने का है.
लगातार बढ़ती दक्षता और पारदर्शिता
2024 में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, पटना को बिहार पुलिस की ओर से 4,78,805 पासपोर्ट आवेदनों का सत्यापन भेजा गया था. बीते 5 वर्षों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बिहार पुलिस को इस कार्य के लिए प्राप्त हुई है.
जिलावार दक्षता का भी रिकॉर्ड
राज्य के जिलों में आवेदन की संख्या में अंतर होने के कारण सत्यापन समय भी अलग-अलग है. उदाहरणस्वरूप, सीवान जिले में सत्यापन में औसतन 20 दिन लगते हैं, जबकि खगड़िया ने सबको पीछे छोड़ते हुए सिर्फ 5 दिन में सत्यापन कर रिकॉर्ड कायम किया है. अधिक व्यस्त जिलों में डिजिटल सिग्नेचर वाले पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाकर प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है.
अब बिहार में चिप वाला पासपोर्ट भी शुरू
बिहार पुलिस की तकनीकी दक्षता का एक और प्रमाण यह है कि 12 मई 2024 से पूरे राज्य में चिपयुक्त पासपोर्ट की सेवा शुरू हो चुकी है. इससे पासपोर्ट धारकों का पूरा विवरण एक स्मार्ट चिप में होगा, जो सुरक्षा और सुविधा दोनों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. पुराने पासपोर्ट को भी इस सुविधा में बदला जा सकता है.
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