बैठक में नीतीश कुमार सहित ये दिग्गज रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. यह तय किया गया कि प्रवक्ताओं को सरकार की योजनाओं, जातीय गणना, वक्फ नीति और विकास कार्यों पर स्पष्ट और मजबूती से पार्टी का पक्ष रखने की ट्रेनिंग दी जाएगी.
कार्यशाला को सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रशिक्षण शिविर के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें प्रवक्ताओं को न केवल तथ्यों से लैस किया जाएगा, बल्कि उन्हें संवाद कौशल और मीडिया प्रबंधन की भी बारीकियां सिखाई जाएंगी.
जातीय गणना और वक्फ नीति पर विशेष जोर
इस दो दिवसीय कार्यशाला में जातीय गणना को नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताते हुए इसे जनता तक सही ढंग से पहुंचाने की रणनीति तैयार की जाएगी. वक्फ संपत्ति पर सरकार के रुख को लेकर भी प्रवक्ताओं को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे. साथ ही, नीतीश कुमार के पिछले दो दशकों के विकास कार्यों को जनसंचार के माध्यम से कैसे जनता के बीच प्रभावी ढंग से रखा जाए, इस पर गहन चर्चा होगी.
मजबूत संवाद ही चुनाव में पार्टी की जीत की नींव बनेगा
जदयू नेतृत्व का मानना है कि मजबूत संवाद और संगठनात्मक समन्वय ही आगामी चुनाव में पार्टी की जीत की नींव बनेगा. इसी के तहत प्रवक्ताओं की भूमिका को केंद्र में लाया गया है. बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रवक्ताओं को समय-समय पर प्रशिक्षण और अपडेट दिए जाएंगे ताकि वे किसी भी मुद्दे पर पार्टी का पक्ष बिना भ्रम के रख सकें.
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