Bihar Politics: सवाल : बिहार में चुनाव का माहौल किस तरह बनता जा रहा है.
जवाब : बिहार में चुनाव होने वाला है. विपक्ष ने दो धमकी दी है. पहला बायकाट की और दूसरा एसआइआर पर वो गलतबयानी कर रहे हैं. इसमें राहुल गांधी भी साथ दे रहे. जब वे चुनाव हारते हैं तो चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ते हैं. तेजस्वी यादव भी एक्सपोज हो गये हैं. नीतीश कुमार की नेतृत्व में बिहार में अच्छी सरकार चल रही है. विकास के रास्ते पर जिस प्रकार बिहार चल रहा है,उसे रुकने नहीं देना है. बेहतरीन सरकार है. लोग खुश हैं. बिजली, पानी,सड़क सब में काम हुआ है. इंडस्ट्री लगना, इथेनॉल प्लांट लगना. टेक्सटाइल में अच्छा काम हुआ. नीतीश कुमार जी 20 साल से हैं, अच्छा काम हो रहा है. जंगल राज में अपराधियों का सरकार से तालमेल होता था. नीतीश कुमार अपराध और अपराधियों से कोई समझौता नहीं करते. आइयेगा एनडीए, जीतेगा एनडीए.
सवाल : एसआइआर मुस्लिम मतदाताओं के लिए भी गंभीर मुद्दा है. क्या विपक्ष का सवाल बेवजह है
जवाब : इसमें हिंदू-मुस्लिम का सवाल नहीं है. जो बोनाफाइड मतदाता हैं, उनका नाम नहीं कटने वाला है. यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि मुसलिम या यादव, दलित का नाम काटा जा रहा है. बिहार का विकास बिहार के मतदाता ही करेंगे. बांग्लादेशी या रोहिंग्या नहीं करेंगे. दिल्ली में लाखों बिहारी वाेटर हैं, तो वह क्या यहां भी वे वोट करेंगे. भागलपुर में फर्जी वोट पड़ा. एक ही जिले में दो जगह से नाम है, उसे काटना चाहिये. एक वोटर को एक ही वाेट का अधिकार मिलेगा, यह सब नाम कट रहा है.
सवाल : चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से नहीं कहा कि बांग्लादेशी मतदाता मिले. यह भाजपा का प्रोपेगेंडा है क्या
जवाब : चुनाव आयोग ने क्या कहा,मुझे नहीं मालूम. हम कह रहे हैं कि जो बिहारी वोटर हैं, उसका नाम एक ही जगह होना चाहिये. क्या इतने बड़े लोकतंत्र में बोनाफाइड वोट होना चाहिये या कोई भी वोट कर देगा. जो जिंदा वोटर हैं, जिसका एक जगह नाम है, उसमें कोई दिक्कत नहीं होना चाहिये. जो दस साल पहले मर गये, उनका भी नाम है, वो कटेगा की नहीं. ईवीएम फूल प्रुफ है तो वोटर लिस्ट भी तो फुल प्रूफ होना चाहिये.
सवाल : एनडीए में सीएम फेस कौन हैं, चुनाव के बाद कौन सीएम होने वाले हैं
जवाब : नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंगे. नीतीश कुमार ही हमारे नेता हैं. बहुमत आने पर सब मिल बात करेंगे. अभी तो नीतीश कुमार ही नेता है. हमलोग के नेतृत्व ने भी कहा है. चुनाव जीतने वाले हैं, हम सरकार बनाने वाले हैं.
सवाल : चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार नेता होंगे
जवाब : अभी तो नीतीश कुमार ही नेता हैं.
सवाल : अटल सरकार में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री की आपकी पहचान रही है, वो शाहनवाज हुसेन अभी कहां हैं.
जवाब : पार्टी के कार्यकर्ता हैं, सक्रिय सदस्य हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. मेरी पार्टी ने मुझे बड़ा मुकाम दिया है. केंद्र में भी बिहार में भी मंत्री बनाया. हमने बिहार में उद्योग का जाल बिछा दिया. हमारा बनाया हुआ इथेनॉल केरल तक जा रहा है. पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है. अभी कार्यकर्ता के नाते कहा है, काम करने को. हम काम कर रहे हैं. अध्यक्ष कहेंगे जिस जिले में जाने को चले जायेंगे. नहीं कहेंगे तो घर में रहेंगे. पार्टी कुछ भी कहेगी, हम करेंगे, कार्यकर्ता के नाते नकारेंगे नहीं. किसी और पार्टी से नहीं आये हैं. अपना बचपना भी दिये हैं जवानी भी देंगे. अभी बुढ़ापा तो आया नहीं है.
सवाल : आप अभी न तो सांसद हैं और राज्य में मंत्री, दुख नहीं होता है
जवाब: अब कितना मौका देगी. दो बार सांसद रहे. तीन साल के लिए एमएलसी बनाया. संगठन का दायित्व दिया. उमा भारती, जेपी नड्डा की टीम में रहे. 18 साल तक सेंट्रल इलेक्शन कमेटी में बिहार से हम अकेले रहे. पार्टी तो हरदम मेरे लिया किया है. आज मैं एमएलए,मंत्री या सांसद नहीं हूं तो इसका दुख मुझे नहीं है.
सवाल : आप कुमार की न्याय यात्रा में साथ रहे हैं, नंबर दो पर आपका भाषण होता था. वैसी भूमिका कब आने वाली है
जवाब: पार्टी मुझे जो काम देगी, मैं वहां जाऊंगा. भागलपुर मेरी कर्मभूमि रही है, जिन्होंने वोट दिया, उनके सुख दुख में जाना मेरी जिम्मेवारी है. अन्य जगहों पर पार्टी जाने की पार्टी, निर्देश देगी तो जायेंगे.
सवाल : इस बार भी उम्मीद थी कि आप राज्य कैबिनेट में आयेंगे, कहीं इक्वेशन में गड़बड़ी तो नहीं हुई
जवाब : मैं अपने बारे में कारण नहीं जानता. मेरे लिए मेरी पार्टी ने यहां एक सवा साल मंत्री बनने का मौका दिया. कोरोना काल में बिहार में आक्सीजन का इंतजाम हमने ही किया था. पार्टी को लगा कि हमसे अच्छे लोग हैं जो अच्छे से मंत्रालय संभाल सकते हैं,उन्हें मौका दिया.
सवाल : मुस्लिम का वोट भाजपा के लिए क्या कोई जरूरी नहीं रहा, इसलिए नजरअंदाज आपको पार्टी कर रही
जवाब : हम तो सबको लेकर चलते हैं. हमारी जो जिम्मेदारी है, वह मेरा फर्ज है. मुस्लिम होने की वजह से भेदभाव हो रहा है, मैं ऐसा नहीं मानता. हम लोग हिंदू मुस्लिम नहीं देखते. मैं भी अपने समाज से पूछता हूं कि भाजपा का जब नाम आता है तो आप नाराज क्यों हो जाते हैं. अल्पसंख्यक समाज में भी भाजपा के लिए सपोर्ट मिलना चाहिये.. भाजपा के प्रति मुस्लिम समाज सोचे. कांग्रेस या राजद क्या कहता है, कौन बहकाता है, इसपर राय मत बनाइये. पीएम मोदी और नीतीश कुमार की सरकार में बहुत अच्छा कम हुआ है. हमारे काम का ईनाम मिलना चाहिये. मुसलिम भाई ज्यादा से ज्यादा भाजपा के साथ आयें, हम उनके साथ खडे रहेंगे.
सवाल : क्या इा बार भाजपा मुस्लिम को अच्छी तादाद में टिकट देगी
जवाब : हम लोग हिंदू मुस्लिम के नाम पर टिकट कहां बाटते हैं. सबको देते हैं.
सवाल : संसद के चालू सत्र में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया
जवाब : स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया. जब उन्होंने लिख कर दिया तो उसे ही मानना चाहिये.
सवाल : अगले उप राष्ट्रपति कौन होंगे
जवाब : मैं इस दौड़ में नहीं हूं. मुझे नहीं लगता कि उपराष्ट्रपति के लिए नाम चयन में चुनाव या राज्य पैमाना होगा. केंद्रीय नेतृत्व बैठेगा, वह तय करेगा कि कौन उपयुक्त होंगे. जिनका नाम लिखा जायेगा वो तो नहीं हो पायेंगे.
सवाल : 11 दिनों में संसद घंटे भी नहीं चली
जवाब : यह तो विपक्ष से पूछा जाना चाहिये. विपक्ष को अमेरिका पर यकीन है. लेकिन, अपने देश, सेना पर, पीएम पर यकीन नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा. सेना पर गर्व करने की जगह सवाल उठा रहे हैं. हमने कहा था आतंकियों को जवाब देंगे. ट्रंप क्या कह रहे इस पर ज्यादा यकीन करते हैं.
सवाल : ट्रंप के टैरिफ से आम भारतीय प्रभावित होंगे.
जवाब : भारत ने कृषि समेत अन्य मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
सवाल : भाजपा ने कोई प्लान बी भी तैयार कर रख है क्या
जवाब : हम प्लान ए वाले हैं. कोई प्लान बी नहीं है. जदयू,भाजपा, मांझी जी की पार्टी , चिराग पासवान की ,उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी इकट्ठे होकर चुनाव मैदान में जायेंगे. सवा दो सौ सीटें जीतेंगे. महागठबंधन सिर्फ 23 पर रह जायेगा. रिजल्ट आने दीजिये, किसको कितनी सीटें आती है. हमारा अभियान अच्छा है.
सवाल :सीटों का बटवारा कब तक होगा
जवाब : सितंबर में हो जायेगा. इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी.
सवाल : जनसुराज बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार देने का एलान किया है
जवाब : यूपी में मायावती ने सौ टिकट दिया था मुसलमानों को, क्या हाल हुआ. लोकतंत्र में सब लोग काम करते हैं और सब लोग सबको वोट करते हैं. कोइ्र उम्मीदवार धर्म के नाम पर टिकट लायेगा तो दूसरे धर्म के लोग उसे क्यों वोट देंगे. जनसुराज के नेता स्ट्रेटेजी के तहत ऐसा बोल रहे हैं. एआइएमआइएम उम्मीदवारों को पिछले दफा उनके नाम पर कुछ सीटें मिल गयी थी. इस बार ऐसा नहीं होगा. राजनीति में सबको मेहनत करने का अधिकार है. हमलोग सबको लेकर चलेंगे, एनडीए की सरकार फिर से बनेगी,इसमें कोई गुंजाइश नहीं.
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