भाजपा में आने से पहले जदयू से रहा है रिश्ता
कृष्ण कुमार मंटू जैसे ही जेडीयू कार्यालय पहुंचे, तो वहां मौजूद लोग हैरान रह गए. गठबंधन में जेडीयू-बीजेपी साथ है, लेकिन ये दोनों पार्टियां अलग-अलग हैं. ऐसा अब तक नहीं हुआ था जब भाजपा कोटे के मंत्री जदयू के प्रदेश कार्यालय में इस प्रकार पहुंचे हों. कृष्ण कुमार मंटू से सब पत्रकारों ने इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि जेडीयू और बीजेपी अलग-अलग नहीं है. हम एनडीए का हिस्सा हैं. पहले हम जेडीयू में ही थे. जेडीयू के सभी साथियों से मेरा पुराना लगाव है. यही कारण है कि मैं पहले जेडीयू कार्यालय पहुंचा. उन्होंने कहा कि इसके बाद वो बीजेपी कार्यालय जाएंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है और हम सब उसके कार्यकर्ता हैं.
नीतीश कुमार के करीबी रहे हैं मंटू
कृष्ण कुमार मंटू शुरू के दौर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ रहे हैं. 2010 में जेडीयू से चुनाव लड़े और विधायक बने. 2015 में जेडीयू महागठबंधन के साथ चली गई थी, तो वह आरजेडी के साथ मिलकर जेडीयू के सिंबल पर चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. वहां से बीजेपी के विधायक चुनाव जीते थे. 2017 में फिर नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हुए तो 2020 में अमनौर विधानसभा सीट बीजेपी के खाते में चली गई. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर बीजेपी ने जेडीयू के नेता कृष्ण कुमार मंटू को अपनी पार्टी में शामिल कराकर उन्हें उम्मीदवार बनाया. कृष्ण कुमार मंटू कुर्मी जाति से आते हैं. उनकी आस्था शुरू से नीतीश कुमार में है. इसका परिचय भी उन्होंने आज दे दिया कि मंत्री बनने के बाद सबसे पहले वह अपने पुराने पार्टी में हाजिरी लगाने पहुंच गए.
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