Bihar Politics: वीआरएस लेकर जन सुराज पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने पार्टी में मिले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि वह यहां काम करने आए थे, हाथी का दांत बनने नहीं. आनंद मिश्रा ने फिर कहा कि उन्हें पद का लोभ नहीं है, क्योंकि वह जिस पद को छोड़कर जनसुराज में शामिल हुए, उससे बड़ा पद यह नहीं है, जिसका त्याग उन्होंने अभी किया है. अपनी आगे की रणनीति भी उन्होंने तय कर ली है.
मैं बैठने वाला नहीं, काम करने वाला आदमी हूं
आनंद मिश्रा ने इस संबंध में कहा कि मैं युवा अध्यक्ष था और हमने पार्टी से यह रिक्वेस्ट किया कि मुझे इस पद से मुक्त कर दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने जनसुराज पार्टी को नहीं छोड़ा है, सिर्फ युवा अध्यक्ष पद का त्याग किया हूं. उन्होंने आगे कहा कि कारण को समझिये तो कुछ भी कारण नहीं या फिर बहुत कुछ बड़ा कारण भी है. इन बातों में आनंद मिश्रा की नाराजगी स्पष्ट झलक रही है. उन्होंने कहा कि यहां मेरा जम नहीं रहा है. मैं काम करने वाला आदमी हूं बैठने वाला आदमी नहीं हूं. काम करने का एक सिस्टम होता है. उन्होंने कहा कि मेरा और यहां का वर्किंग स्टाइल कुछ और है इसलिए इस पद के लिए कोई और काम करे ऐसा मैंने पार्टी से अनुरोध किया है.
क्या है नाराजगी का कारण?
पूर्व आईपीएस ने कहा कि मेरे पीठ पीछे कई चीजें बदल जाती हैं. मुझे इसकी जानकारी किसी और से होती है. फिर मेरे पद पर बने रहने का क्या मतलब? मैं युवा अध्यक्ष के पद पर हूं और मुझे नहीं पता चला कि जिले में कौन अध्यक्ष कब बदल गया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था में और भी अधिक डेमोक्रेशी होनी चाहिए. व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जिसकी जो जिम्मेदारी होती है, उसमें उस शख्स की पूर्णतः भागीदारी होनी चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. कयास यह लगाया जा रहा है कि पप्पू सिंह का जन सुराज पार्टी का अध्यक्ष बनना ही इनकी नाराजगी की मुख्य वजह हो सकती है.
आनंद मिश्रा ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
2024 के लोकसभा चुनाव में आनंद मिश्रा निर्दलीय मैदान में उतरे थे लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. जन सुराज से जुड़ने के बाद वे एक्टिव मोड में नजर आ रहे थे. लोगों के बीच जा रहे थे. प्रशांत किशोर के साथ भी घूम रहे थे. हालांकि कुछ दिनों से उन्होंने जन सुराज से दूरी बना ली है. वे नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी के नेताओं से उनकी बात हो गई है. क्योंकि वे शुरू से बीजेपी में ही जाने वाले थे. अभी हाल ही में आनंद मिश्रा ने बीजेपी की खूब तारीफ की थी. कहा था कि वे बीजेपी के लिए ही नौकरी छोड़कर आए थे. आनंद मिश्रा की नजर में बीजेपी सबसे कारगर पार्टी है. उन्होंने अपने इंटरव्यू में साफ कहा कि भाजपा में मुझे किसी कारण स्वीकार नहीं किया गया. मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसी क्या गलती कर दी है.
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बीजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
आनंद मिश्रा जन सुराज में युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष थे. अब जब बीजेपी में जाने की चर्चा हो रही है तो माना जा रहा है कि आनंद मिश्रा को बक्सर से या बक्सर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली किसी सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
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