Bihar Rain Alert: पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के कई जिलों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, लखीसराय और जमुई में अगले 2-3 घंटों के भीतर भारी बारिश, वज्रपात और 40 किमी/घंटे तक की रफ्तार वाली हवाएं चलने की आशंका जताई गई है. इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है.
उत्तर बिहार में अगले तीन दिन और भारी बारिश
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में अगले 72 घंटे तक भारी से अत्यंत भारी बारिश हो सकती है. इन जिलों में 65 से 115 मिमी तक वर्षा का अनुमान जताया गया है. गंडक, बागमती, कोसी और गंगा जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ की आशंका और बढ़ गई है.
पटना से मुजफ्फरपुर तक रेड अलर्ट
शनिवार को बिहार के कई जिलों में मौसम का रौद्र रूप देखने को मिला. पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली और आसपास के इलाकों में रेड अलर्ट के बीच मूसलाधार बारिश हुई, जिसने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया. राजधानी पटना के मुख्य रेलवे स्टेशन और पाटलिपुत्र जंक्शन 2 से 3 फीट तक पानी में डूब गए. सड़कों पर जलजमाव और रेलमार्गों पर ठहराव ने यातायात को ठप कर दिया.
मधुबनी, किशनगंज और सीवान में रिकॉर्ड बारिश दर्ज
रविवार को मधुबनी में 171.2 मिमी, किशनगंज में 152 मिमी और सीवान में 140.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई. प्रशासन ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. राहत कैंप और नाव सेवा की तैयारी तेज कर दी गई है.
धान की फसलें डूबने से किसान बेहाल, खेत बने तालाब
भोजपुर, अरवल, जहानाबाद जैसे इलाकों में खेतों में पानी भर जाने से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों की मेहनत पानी में बहती दिख रही है. कृषि विभाग ने प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया है कि सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल पानी में डूब गई है.
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