कर्ज देने पर हो चुकी सैद्धांतिक सहमति
एडीबी की टीम ने अपनी ओर से कर्ज देने की सैद्धांतिक सहमति पहले ही दे दी है. बनने वाली सड़कें राजकीय उच्च पथ (स्टेट हाईवे) और एमडीआर (वृहद जिला सड़क) प्रकार की हैं. इन सड़कों को दो लेन किया जाएगा. बीते दिनों एडीबी का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल बिहार दौरे पर आया था. कार्यकारी निदेशक समीर कुमार खरे के नेतृत्व में आए इस शिष्टमंडल ने मुख्य सचिव के साथ बैठक की थी.
कुल 482 किमी बननी है सड़क
बैंक अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में राज्य की इन सभी सड़क परियोजनाओं पर काम करने की सहमति बनी थी. कुल 482 किलोमीटर सड़क परियोजनाओं के लिए 5153 करोड़ की आवश्यकता है. बिहार राज्य पथ विकास निगम के प्रस्ताव पर एडीबी के अधिकारियों ने कर्ज लेने के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव भी दिया था. विभाग इस पर जल्द काम शुरू करने जा रहा है.
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दो साल में निर्माण का लक्ष्य
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर अगस्त-सितम्बर तक तक कर्ज मिलने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई, तो सितम्बर-अक्टूबर तक पथ विकास निगम और एडीबी में कर्ज पर समझौता हो जाएगा. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. सरकार ने तय किया है कि अगले दो वर्षों के भीतर निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.
सड़क किमी लागत (करोड़ में)
- बनगंगा-जेठियन-गहलौत-भिंडस 41.60 407.46
- धोरैया-इंगलिश मोड़-असरगंज 58 595.78
- सीतामढ़ी-पुपरी-बेनीपट्टी 51.35 517.05
- छपरा-मांझी-दरौली-गुठनी 71.60 684.22
- आरा-एकौना-खैरा-सहार 32.30 322.35
- ब्रह्मपुर-कोरानसराय-इटाढ़ी-जालीपुर 80 792.59
- अतरबेल-जाले-घोघराचट्टी 31.70 449.56
- गणपतगंज-परवाहा 53.50 644.04
- मधुबनी-राजनगर-बाबूबरही-खुटौना 41.10 511.07
- हथौरी-औराई रोड पर पुल 21 228.99