विभाग ने दिया निर्देश
विभागीय समीक्षा बैठक में जानकारी मिली कि जमीन अधिग्रहण, वर्क ऑर्डर सहित ठेकेदार अप्वाइंट होने सहित सभी मानकों को पूरा करने के बावजूद करीब 10 फीसदी सड़कों के निर्माण में देरी हो चुकी है. इसमें मुख्य रूप से राज्य के कई एनएच सहित एसएच भी शामिल हैं. इसके साथ ही स्वीकृत परियोजनाओं का एकरारनामा नहीं किया गया है उन सड़कों की हालिया स्थिति के संबंध में भी मुख्यालय ने सभी कार्यपालक अभियंताओं से रिपोर्ट मांगी है. मुख्यालय की तरफ से सड़कों की टेंडर प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के लिए समय सीमा तय करने का निर्देश दिया गया है.
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इन सड़कों के निर्माण में देरी
राज्य में कुछ नई एनएच हैं जिनको निर्माण के लिए एजेंसी चयन के बाद वर्क ऑर्डर भी मिल चुका है. इसके बावजूद इनका निर्माण शुरू होने का इंतजार है. इसमें छपरा-हाजीपुर एनएच-19, रोसड़ा-बहेरी-दरभंगा नया एनएच-527इ, सरायगढ़-लालगंज-गणपतगंज शामिल हैं. इसके साथ ही जमुई-खरगडिहा-चतरो-सरवण-चकाई नया एनएच-333सी, देकुली-सिसौनी सड़क, हथौड़ी-कोठी-बहेरी, एसएच-88 शंकर लोहार-सिसौनी एसएच-56 सड़कों के निर्माण में देरी होने से इन चार सड़कों के ठेकेदारों से जुर्माना वसूली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
सड़कों का साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक निरीक्षण करेंगे बड़े अभियंता राज्य में सड़कों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण तरीके से समय पर पूरा करने के लिए बड़े अभियंताओं को साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें कार्यपालक अभियंता द्वारा साप्ताहिक, अधीक्षण अभियंता द्वारा पाक्षिक और मुख्य अभियंता द्वारा मासिक निरीक्षण किया जायेगा. अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता स्थल भ्रमण से संबंधित निरीक्षण की रिपोर्ट विभाग के सचिव को सौंप देंगे. साथ ही इसकी सूचना पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी दी जायेगी.
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