एक लाख से अधिक बच्चों के बीच बांट चुके हैं गुल्लक
चंदन ने बच्चों में गुल्लक के द्वार बचत करने के लिये वर्ष 2015 में साहेबगंज के राजेपुर लखना हाई स्कूल से इस मुहिम की शुरुआत की थी. अब तक वह मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना के स्कूलों में एक लाख से अधिक बच्चों के बीच गुल्लक बांट चुके हैं और उनका यह अभियान लगातार जारी है. चंदन ने इसके लिये सरकारी स्तर पर प्रयास करने की मांग की थी, जो अब साकार हो गयी है. शिक्षा विभाग विशेष साक्षरता मॉडयूल के तहत गणित की कक्षा में बच्चों को गुल्लक से बचत के साथ चक्रवृद्धि ब्याज और सरल ब्याज के बारे में बच्चों बतायेगा.
सूबे के 16 शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण
इस मॉड्यूल के आधार पर सभी स्कूलों में विशेष कक्षाएं चलायी जाएंगी. इसके लिये विभिन्न जिलों से चुने गए 16 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. यह नोडल शिक्षक अब अपने जिलों में अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक स्कूलों में विद्यार्थियों को बचत और वित्तीय साक्षरता के बारे में बतायेंगे. शिक्षक बच्चों को यह सिखाएंगे कि अगर उन्हें एक गुल्लक मिलता है, तो उसमे पैसे डाल कर कैसे अपनी बचत को एक सौ रुपया कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को वित्तीय लेन-देन करते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिये, इसकी जानकारी भी दी जायेगी. बच्चों को यह सिखाया जायेगा कि चाहे उन्हें छोटी सी रकम ही क्यों न मिले, वे उसका दुरुपयोग नहीं करें, बल्कि सोच-समझकर बचत के रूप में जमा करें, जिससे वह रकम उनके भविष्य में जरूरत के समय काम आ सके.
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क्या बोले संयोजक
गुल्लक मुहिम के संयोजक चंदन कुमार ने कहा कि मैंने 2015 से गुल्लक मुहिम की शुरुआत की थी. अपने खर्चे से गुल्लक खरीदकर स्कूलों में बच्चों के बीच बांटना शुरू किया और बच्चों को बचत के लिये प्रोत्साहित किया. मेरा यह मुहित लगातार चल रहा है. अब कई स्कूलों में नामांकन के वक्त ही स्कूल प्रबंधक बच्चों को बचत के लिये गुल्लक दे रहे हैं. मेरी कोशिश थी कि सरकारी स्तर पर प्रयास हो तो बच्चों में बचत की प्रवृत्ति का विस्तार होगा. सरकार ने इसकी सुधी ली है. अब इसका और विस्तार होगा.
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