विभाग का काम होता है बाधित
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि इस तरह की गतिविधियों से शिक्षा विभाग का दैनिक कार्य बाधित होता है. शिक्षकों की समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही सुनिश्चित किया गया है. ऐसे में शिक्षकों को अपने नजदीकी पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए न कि सीधे पटना आकर मुख्यालय का चक्कर लगाना चाहिए.
30 जून तक नए स्कूल में योगदान अनिवार्य
हाल ही में राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर शिक्षकों का ऐच्छिक तबादला किया है. करीब 1.30 लाख शिक्षकों को एक जिले या अनुमंडल से दूसरे में स्थानांतरित किया गया है. इन शिक्षकों को जिला आवंटन पहले ही मिल चुका है और अब स्कूल आवंटन की प्रक्रिया जारी है. विभाग ने साफ कर दिया है कि सभी ट्रांसफरशुदा शिक्षकों को 30 जून तक अपने नए स्कूल में योगदान देना होगा.
हालांकि, कुछ शिक्षक अपने ट्रांसफर से असंतुष्ट हैं. विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई शिक्षक 1 जुलाई तक नया योगदान नहीं देता है, तो उसका ट्रांसफर आदेश स्वतः रद्द हो जाएगा और वह अपने पुराने स्कूल में ही माना जाएगा.
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