बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए राहत की खबर है. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि गर्मी की छुट्टियों में किसी भी शिक्षक को किसी तरह के कार्य के लिए नहीं बुलाया जाएगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को निर्देश जारी करते हुए कहा कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान शिक्षकों से किसी भी परिस्थिति में कोई ड्यूटी नहीं ली जाएगी.
2 जून से लेकर 20 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश
बिहार के लगभग 81 हजार सरकारी स्कूलों में 2 जून से लेकर 20 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है. इस दौरान शिक्षकों को छुट्टियों का पूरा लाभ देने की नीति के तहत यह निर्णय लिया गया है. एसीएस सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि शिक्षकों को छुट्टी के समय अपने परिवार के साथ समय बिताने और चाहें तो पर्यटन स्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलना चाहिए. इससे पहले शनिवार को ‘शिक्षा की बात’ कार्यक्रम में भी उन्होंने यही संदेश दिया था.
आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
हालांकि कुछ जिलों से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि शिक्षकों को छुट्टी के दौरान भी ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है. इसी के मद्देनजर विभाग ने यह स्पष्ट आदेश जारी किया है. इस आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.
हालांकि, यह नियम सिर्फ शिक्षकों पर लागू होगा. स्कूलों में प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति गर्मी की छुट्टी में भी अनिवार्य रहेगी. वे स्कूल संचालन और आवश्यक प्रशासनिक कार्यों के लिए उपलब्ध रहेंगे.
12 लाख विद्यार्थियों के लिए ‘गणितीय समर कैंप’ का आयोजन
वहीं, छुट्टी के दौरान भी राज्य के कक्षा 5वीं और 6वीं के लगभग 12 लाख विद्यार्थियों के लिए ‘गणितीय समर कैंप’ का आयोजन किया जा रहा है. यह कैंप स्वयंसेवी संस्था ‘प्रथम’ के सहयोग से संचालित हो रहा है, जिसमें छात्रों को प्रतिदिन एक से डेढ़ घंटे गणित की विशेष कक्षाएं दी जा रही हैं. इस पहल का उद्देश्य बच्चों की गणितीय समझ को सुधारना है. शिक्षा विभाग के इस फैसले को शिक्षकों ने सराहा है और इसे शिक्षण पेशे में सम्मानजनक वातावरण की दिशा में सकारात्मक कदम बताया है.
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