शत प्रतिशत बच्चों का स्वास्थ्य जांच का लक्ष्य
इस साल स्कूलों में शत प्रतिशत बच्चों का स्वास्थ्य जांच का लक्ष्य रखा गया है. बच्चों की स्वास्थ्य जांच को लेकर शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने साझा रणनीति तय की है. इसका क्रियान्वयन राज्य स्वास्थ्य समिति, मध्याह्न भोजन निदेशालय और बिहार शिक्षा परियोजना करेंगे. स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य जांच के लिए नामित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच संबंधी रिपोर्ट शिक्षा विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर भी अपलोड होगा.
बच्चों को दी जायेगी समय से दवाई
बच्चों में खून की कमी रोकने के लिए आयरन फोलिक एसिड की गोली भी दी जाएगी. कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को आयरन की गुलाबी गोली और कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों को आयरन फालिक एसिड की नीली गोली दी जाएगी. नियमित अंतराल पर कृमि की दवा एडवेंडाजोल भी बच्चों को दी जाएगी. हालांकि, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्येक प्रखंड में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम स्कूलों के बच्चों की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच करेगी.
गंभीर बीमारी पर बड़े अस्पताल भी भेजे जाएंगे बच्चे
चलंत चिकित्सा दल द्वारा स्वास्थ्य जांच के संबंध में माइक्रोप्लान प्रारूप सभी जिलों के लिए एक जैसा होगा. इसमें स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के प्रखंड स्तरीय नोडल पदाधिकारियों, प्रधानाध्यापक और चलंत चिकित्सा दलों का संपर्क नंबर भी अंकित होगा. स्वास्थ्य जांच के दौरान किसी बच्चों में गंभीर बीमारी मिलने पर आवश्यतानुसार बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भी भेजा जाएगा.
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