Bihar Teacher: बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल करने का बड़ा फैसला लिया है. अब राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक में पढ़ाई, हाजिरी, मिड-डे मील और साफ-सफाई जैसे कामों की मॉनिटरिंग टैबलेट के माध्यम से होगी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना के पांच स्कूलों में यह व्यवस्था पहले ही लागू की जा चुकी थी, और अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है.
हर स्कूल को मिलेंगे दो टैबलेट
शिक्षा विभाग के मुताबिक, हर स्कूल को दो टैबलेट दिए जा रहे हैं. वहीं, जिन स्कूलों में छात्र संख्या अधिक है, वहां तीन टैबलेट भी दिए जा सकते हैं. इन टैबलेट का प्रयोग सिर्फ शिक्षण कार्यों और रिपोर्टिंग के लिए होगा. नई व्यवस्था के तहत वर्ग शिक्षक को अब हर दिन कक्षा में उपस्थित छात्रों की फोटो और वीडियो रिकॉर्ड कर ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. मिड-डे मील के दौरान भोजन करते बच्चों की तस्वीरें भी उसी दिन पोर्टल पर डालनी होंगी. साथ ही स्कूल परिसर की साफ-सफाई का वीडियो भी अपलोड करना अनिवार्य होगा.
शिक्षक की हाजिरी भी होगी अब टैबलेट से
प्रधानाध्यापक टैबलेट के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करेंगे और यह रिपोर्ट रोजाना ऑनलाइन भेजी जाएगी. सभी शिक्षकों को अपनी खुद की फोटो प्रतिदिन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी, ताकि उनकी उपस्थिति प्रमाणित की जा सके. कौन शिक्षक छुट्टी पर है और कौन स्कूल में कार्यरत यह सारा डाटा अब डिजिटल फॉर्म में होगा.
IMEI नंबर से ट्रैक होगा टैबलेट
हर टैबलेट का IMEI नंबर, सीरियल नंबर, सिम नंबर, यूजर का नाम और पदनाम ई-रिकॉर्ड में दर्ज रहेगा. यह जानकारी प्रधानाध्यापक के पास सुरक्षित रखी जाएगी. इससे टैबलेट की चोरी या गुम होने की स्थिति में उसे आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पढ़ाई की निगरानी को पारदर्शी और डिजिटल बनाना है. छात्रों की नियमित उपस्थिति को सुनिश्चित करना, शिक्षकों की जवाबदेही तय करना और सबसे अहम बिहार में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देना है.
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