भ्रष्टाचार पर वार: निर्माण में गड़बड़ी के लिए दो इंजीनियर सस्पेंड, तीन पर एफआइआर दर्ज

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत आहर-पइन, वियर, चेक डैम, तालाब जैसी लघु सिंचाई योजनाओं की मरम्मत में गड़बड़ी के मामले सामने आये हैं. सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए आरोपित दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2020 7:34 AM
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पटना : जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत आहर-पइन, वियर, चेक डैम, तालाब जैसी लघु सिंचाई योजनाओं की मरम्मत में गड़बड़ी के मामले सामने आये हैं. सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए आरोपित दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. एक इंजीनियर पर एफआइआर दर्ज की गयी है. साथ ही एक अन्य इंजीनियर को भी बिना बताये अनुपस्थित रहने की वजह से सस्पेंड किया गया है. वहीं, दो ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया गया है. उन्हें काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. ठेकेदारों द्वारा लघु जल संसाधन विभाग के पोर्टल पर फोटो सहित काम की जानकारी नहीं देने पर विभाग 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाने की तैयारी कर रहा है.

लघु जल संसाधन विभाग के सूत्रों का कहना है कि कटिहार जिले में लघु सिंचाई परियोजनाओं का काम चल रहा था. कटिहार में विभागीय जूनियर इंजीनियर पर आरोप है कि तीन अलग-अलग तालाबों की मरम्मत के दौरान उन्होंने जरूरत से अधिक मिट्टी काटने की अनुशंसा कर दी. इससे तालाब की गहराई जरूरत से अधिक बढ़ जाती और वहां से निकलने वाली मिट्टी का भी नुकसान होता. परियोजना की जांच के क्रम में विभागीय दल ने इस गड़बड़ी को पकड़ा.

जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड करते हुए उन पर अधिकारियों ने तीन अलग-अलग एफआइआर दर्ज करवायी है. जहानाबाद में आहर-पइन और वियर की मरम्मत हो रही थी. इस कार्य की जिम्मेदारी लेने वाले ठेकेदार ने मानक की अवहेलना करते हुए खराब मैटेरियल मंगवा लिया. सूचना मिलते ही निर्माण शुरू करने के पहले ही यह मैटेरियल पकड़ा गया. एक ठेकेदार पर दो लाख रुपये और दूसरे ठेकेदार पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. विभाग के विशेष सचिव गोपाल मीणा ने बताया कि बेहतर काम के लिए विभाग सख्ती से जांच कर रहा है. विभाग के मानकों के अनुसार सभी काम करना है. गड़बड़ी पाये जाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.

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