Bihar Weather: मॉनसून हुआ मेहरबान, तो जिले में लक्ष्य के करीब पहुंची खरीफ फसल की खेती

Bihar Weather धान की फसल लगाने वाले किसानों के लिए अगस्त माह में हुई बारिश ने संजीवनी का काम किया है. जुलाई के अंत में माॅनसून की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी.

By RajeshKumar Ojha | August 13, 2024 9:13 PM
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Bihar Weather हाजीपुर में अगस्त महीने में मॉनसून की सक्रियता ने किसानों को काफी राहत पहुंचायी है. अगस्त माह में रुक-रुक कर हुई बारिश के कारण जिले में खरीफ फसल का आच्छादन लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गया है. हल्की बारिश ने एक तरफ किसानों की लगी फसल को काफी लाभ पहुंचाया है,

वहीं धान की फसल लगाने वाले किसानों को भी इसका लाभ मिला है. जुलाई के अंत में मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन अगस्त माह के दूसरे सप्ताह से ही हल्की बारिश शुरू हो गयी थी. बारिश होने से धान की रोपनी भी रफ्तार पकड़ ली है. जिला कृषि कार्यालय से मिले आंकड़े के अनुसार बारिश के कारण जिले में धान की फसल के लिए निर्धारित लक्ष्य का 90.89 प्रतिशत तथा मक्के के निर्धारित लक्ष्य का 92.17 प्रतिशत आच्छादन हो चुका है.

जिला कृषि कार्यालय के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में धान के लिए निर्धारित लक्ष्य 50935.84 हेक्टेयर है, जिसमें सोमवार तक 46297.58 हेक्टेयर में फसल आच्छादन हो गया है. वहीं, मक्के के लिए निर्धारित लक्ष्य 17776.62 हेक्टेयर था, जिसमें 16385.01 हेक्टेयर में फसल लगायी गयी है.

बताया गया कि मॉनसून की मेहरबानी बनी रही, तो जल्द ही जिले में खरीफ फसल के निर्धारित लक्ष्य का शत-प्रतिशत आच्छादन पूरा कर लिया जायेगा. किसानों ने बताया कि बारिश कम होने के कारण धान की रोपनी की रफ्तार थम गयी थी. लेकिन रुक-रुक बारिश होने के कारण किसानों को फसल लगाने में काफी सुविधा हुई, जिससे काफी तेजी से किसान फसल लगाने में जुट गये.

अगस्त महीने की बारिश धान की फसल के लिए बनी संजीवनी

जुलाई माह में धान की फसल लगाने वाले किसानों के लिए अगस्त माह में हुई बारिश ने संजीवनी का काम किया है. जुलाई के अंत में माॅनसून की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी. अपने साधनों से धान की फसल लगाने के बाद किसानों को फसल की सिंचाई करने में काफी परेशानी हो रही थी,

लेकिन रुक-रुक कर हुई बारिश ने फसलों को काफी राहत पहुंचायी है, जिससे खेतों में धान की फसल में हरियाली छा गयी है. किसान देवेंद्र राय, श्रवण राय आदि ने बताया कि अगस्त के पहले सप्ताह में तीखी धूप एवं उमस भरी गर्मी के कारण फसलों में मौसम आधारित रोग का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ने लगा था. वहीं उमस भरी गर्मी से आम लोगों को भी परेशानी होने लगी थी, लेकिन बारिश होने के कारण लोगों को काफी राहत मिली है.

आधा अगस्त बीतने के बाद भी इस वर्ष सामान्य से कम हुई बारिश

जिला सांख्यिकी कार्यालय से प्राप्त आंकड़े के अनुसार अगस्त माह का सामान्य वर्षापात 244.30 दर्ज किया गया है. एक अगस्त से 12 अगस्त तक 94.57 दर्ज किया गया. हालांकि मंगलवार को जिले के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हुई, जिससे आंकड़े में बढ़ोतरी दर्ज होगी. अधिकारी के अनुसार वास्तविक वर्षापात 108.91 रहा है. इससे स्पष्ट है कि सामान्य से 15.06 फीसदी बारिश कम हुई है. अनुमान के अनुसार जिले में वर्षा की स्थिति सामान्य रहने की उम्मीद बतायी जा रही है.

कम बारिश के कारण लक्ष्य से पिछड़ गयी थी खेती

जुन एवं जुलाई महीने में मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी. मॉनसून के निष्क्रिय होने के कारण किसानों को सूखे की आशंका सताने लगी थी. लेकिन मॉनसून के करवट बदलने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी. जिले में रुक-रुक कर बारिश होने के कारण खासकर मक्का एवं सब्जी उत्पादक किसानों को अधिक लाभ हुआ है.

जिले में देर से रोपनी शुरू होने के बाद भी किसान खरीफ फसल के लिए निर्धारित लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुके हैं. उम्मीद है कि जल्द ही खरीफ फसल के लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा. किसानों ने बताया कि मॉनसून के रुख बदलने के बाद अन्य फसलों के आच्छादन को लेकर भी किसान लगातार काम में जुटे हैं.

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